बदलाव कोई नहीं चाहता – प्रत्याशी और छात्र पार्टी, मूवी में मस्त तो डीन, प्रोफ़ेसर चाय समोसे में।

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छात्र संघ अध्यक्ष के तीनों दावेदार “स्टेप अप” के संवाद कार्यक्रम में पहुचे रखी अपनी बात

उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा यूनिवरसिटी छात्रसंघ चुनाव में स्टेपअप और पत्रकारिता विभाग द्वारा एक नई पहल की गई, जिसमें केंद्रीय छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के दावेदारों सहित सभी पदों के दावेदारों और कॉलेज प्रतिनिधियों के दावेदारों का संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें केंदीय छात्रसंघ के तीनों दावेदार तो पहुंचे, लेकिन बाकी के प्रत्याशी नदारद थे। साथ ही कुछ प्रोफ़ेसर को छोड़ कर आर्ट्स कोलेज की डीन फरीदा शाह सहित कई प्रोफ़ेसर ने कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया, अलबत्ता संवाद कार्यक्रम के दौरान ही चुनावी कार्यालय में बैठ कर डीन सहित बाकी के ये प्रोफ़ेसर चाय और समोसे के साथ बिगड़ी छात्र राजनीति की व्यवस्था पर बड़ी बड़ी बातें करते जरूर नज़र आये, लेकिन बदलाव के इस पहले कदम पर किसी ने हिस्सा नहीं लिया। गिनती के चार पांच प्रोफ़ेसर पियूष भादविया, संजय लोढ़ा, कुंजन आचार्य, आशीष सिसोदिया कार्यक्रम में मोजूद थे जिन्होंने स्टेप अप की इस नयी पहल पर छात्रों का खुल कर स्वागत किया। संवाद कार्यक्रम के दौरान एबीवीपी के नीरज सामर, एनएसयूआई के कृष्णपालसिंह चौहान और निर्दलीय मयूरध्वज सिंह चौहान ने छात्रों से रूबरू हुए और अपनी बात रखी।

step up

 

मूवी, मस्ती, पार्टी, भोज और मौज से अलग हटकर गैर राजनैतिक छात्रों का समूह “स्टेप अप एमएलएसयू” ने चुनाव लड़ रहे दावेदार छात्रों से सीधा कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में एनएसयूआई के प्रत्याशी कृष्णपालसिंह चौहान ने छात्रों के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि जो प्रत्याशी उन्हें सबसे उचित और सही लगे उनको वोट करना। वे हमेशा छात्रों के हितों के लिए खड़े है और खड़े रहेंगे। अपनी बात कहते हुए उन्होंने छात्रों की समस्या को निपटाने और उन्हें बेहतर सुविधाएं दिलवाने का वादा किया। एबीवीपी के नीरज सामर ने छात्रों के रूबरू होते ही कहा कि सबसे पहले नकली से सावधान रहे क्यूोंकि विरोधियों ने अध्यक्ष पद के लिए उन्हीं के नाम का एक डुप्लीकेट प्रत्याशी खड़ा किया है। नीरज सामर ने एबीवीपी को ही राष्ट्रवादी संगठन बताते हुए उनके साथ आने और उन्हें जीत दिलाने का आव्हान किया। उन्होंने यह बात स्वीकारी कि जिस तरह से डॉक्टर का बेटा डॉक्टर इंजीनियर का बेटा इंजीनियर होता है तो एक नेता का बेटा नेता क्यों नहीं हो सकता? निर्दलीय खड़े हुए मयूरध्वज सिंह ने छात्रों को कहा कि वे कोई पैराशूट प्रत्याशी नहीं है, जो अन्य प्रत्याशियों की तरह सिर्फ चुनाव लडऩे के लिए इस विश्वविध्यालय में आए हैं। वे पिछले सात सालों से इस विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैै और छात्रों के समर्थन के बल पर ही वो चुनाव के लिए खड़े हुए हैं। मयूरध्वज सिंह ने छात्रों को कहा कि जो सही हो अपना वोट उसको देना। मयूरध्वज ने कहा कि वे अगर जीत हासिल करते हंै तो वे विश्वविद्यालय के सिस्टम को ही कुछ इस तरह बदलाव की दिशा में ले जाएंगे कि किसी भी छात्र को छोटे-छोटे कामों के लिए छात्र नेता के पास नहीं दौडऩा पड़े।

एमएलएसयू के इतिहास में पहली बार इस तरह के संवाद कार्यक्रम की एक नई पहल स्टेप अप नामक गैर राजनैतिक समूह द्वारा की गई, लेकिन ना तो मूवी और पार्टी में डूबे छात्र इस सार्थक कार्यक्रम का हिस्सा बने और ना ही आट्र्स कॉलेज के डीन सहित अन्य प्रोफेसरों ने कोई रूचि दिखाई। कार्यक्रम में छात्रों की उपस्थिति कम थी, क्योंकि अधिकतर छात्रों को प्रत्याशियों ने कॉलेज के बाहर से ही बसों में बैठाकर मूवी और वाटिकाओं में हो रहे भोज में भेज दिया। कार्यक्रम में मौजूद पत्रकारिता के कई छात्रों नेे यह बात कही कि चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को मूवी और पार्टी की राजनीति पर ज्यादा भरोसा है। इधर, जहां यह कार्यक्रम एक तरह से खुद विश्वविद्यालय प्रशासन को करवाना चाहिए, वहां पर छात्रों का समूह स्टेप अप यह कार्यक्रम आयोजित करवा रहा है। यही नहीं, इस कार्यक्रम की स्वीकृति भी डीन फरीदा शाह ने बड़ी मुश्किल से दी। कार्यक्रम में प्रोफेसर पीयूष भादविया, कुंजन आचार्य, संजय लोढ़ा और आशीष सिसोदिया ही मौजूद थे।

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