उदयपुर । एक तरफ यूआईटी और नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण, कब्जे हटाने की कार्रवाई आये की जा रही है। इन निकायों की कार्रवाई की जद में अधिकतर वो लोग आजाते है जिनके रसूख नहीं है। जिन लोगों के रसूख है प्रभाव है उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। जहाँ एक तरफ नीमच खेड़ा की दुर्गा कॉलोनी में बिना अनुमति के व्यावसायिक फ्लेट बनाये जारहे है। बहुमंझीला इमारत बन रही है। जहाँ शिकायत होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं। पिछले दिनों सज्जन नगर ओड बस्ती में एक कमरे के लिए यूआईटी का पूरा महकमा पहुंच गया। सोमवार को भी बरसों से काबिज लोगों के एक कमरा बना देने की की शिकायत पर पुरे जाब्ते और बल के साथ कार्रवाई की गयी ।
युआईटी की ने की कार्रवाई :
युआईटी ने पुरे जाब्ते और बल के साथ देबारी के सकदर इलाके में अवैध कब्जों पर कार्रवाई करते हुए पक्के निर्माण और खेतों की बाड़ तोड़ दी । १६ हेक्टर सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण थे । लोगों का कहना है कि उनका वहां पर पिछले ५० सालों से कब्जा है। आज सुबह सात बजे ही यूआईटी सेक्रेटरी राम निवास मेहता एक दर्जन जेसीबी यूआईटी अधिकारियोजन और १०० से अधिक पुलिस कर्मियों के साथ पहुंच गए। कार्रवाई करते हुए करीं २० छोटे बड़े पक्के निर्माण तोड़े खेतों में बीच बीच में एक एक – एक और दो दो रूम के पक्के निर्माण थे। इसके अलावा खेतों की बाद और कच्ची दीवारों को भी ध्वस्त कर दिया। जानकारी के अनुसार देबारी के सकदर इलाके में सरकारी जमीन पर लोगों के ५० साल पुराने कब्जे थे। कुछ लोगों ने खेतों में पक्के निर्माण कर एक एक रूम बना लिए थे जिसकी शिकायत होने पर यु आईटी ने सबको नोटिस देते हुए १५ मार्च को जवाब देने को कहा था । जवाब देने के बाद युआईटी ने नोटिस देकर कब्जे हटाने के लिए कहा और आज पुरे जाब्ते के साथ आकर सारे कब्जे हटा दिया। कब्जे धारी अशोक चौधरी और घासी राम लोहार का कहना है की हमारे ४० साल पुराने कब्जे थे कोई पक्का निर्माण भी नहीं था। ना ही हमको नोटिस दिया गया इसके बावजूद भी हमारा कब्जा हटा दिया और हरे पेड़ों पर भी जेसीबी चला दी। रामनिवास मेहता के अनुसार १६ हेक्टयर सरकारी जमीन पर कब्जे किये हुए थेजो आज मुक्त करवा लिया ।
नीमच खेड़ा में अवैध कॉम्प्लेक्स कोई कार्रवाई नहीं :
नीमच खेड़ा की दुर्गा कॉलोनी में करीब चार बहुमंजिला इमारतों का निर्माण हो रहा है। जिस जमीन पर बहुमंजिला इमारतों का निर्माण हो रहा है वो जमीं कृषि भूमि और एसटी की जमीन है। क्षेत्रीय निवासी प्रेम ओबरावल ने बताया की हमने नगर निगम को अवैध निर्माण के लिए शिकायत की तो उनका कहना है की वह क्षेत्र युआईटी का है, युआईटी तहसीलदार से जब इस सन्दर्भ में शिकायत की तो उन्होंने बताया की वह क्षेत्र नगर निगम का है। ओबरावल ने बताया बहु मंजिला इमारते फ्लेट बेचने के लिए बनाई जारही है।
युआईटी -नगर निगम आम लोगों के मकान तोड़ने में देर नहीं करती- रसूखदारों को हाथ भी नहीं लगाती
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