ये है जेल के अंदर का सच – उदयपुर की सेन्ट्रल जेल है अपराधियों की ऐशगाह

Date:

जेल प्रबंधन पर रुपए लेकर ऐश उपलब्ध कराने के लगे संगीन आरोप, रुपए नहीं देने पर कर दिया जाता है कैदियों का ट्रांसफर, कैदियों के पास है एड्राइड मोबाइल।

 उदयपुर जेल के अंदर अपराधी हाथों में मोबाइल लिए हुए

उदयपुर जेल के अंदर अपराधी हाथों में मोबाइल लिए हुए

उदयपुर। उदयपुर केंद्रीय कारागृह हार्डकोर अपराधियों के लिए जेल नहीं, बल्कि ऐशगाह है। इस बात को साबित करती हुई कुछ तस्वीरें मिली है, जिनमें जेल की बैरक में कैदियों की “दारू पार्टियां” चलती दिखाई पड़ रही है। साथ ही हार्डकोर कैदियों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल फोन हैं, जिससे वे अंदर होते हुए भी बाहर लोगों को धमकियां देने के साथ ही तमाम गैर कानूनी कामों को अंजाम दे रहे हैं।
स्थानीय सांध्य दैनिक एकबार “मददगार” ने अपने पूर्व में उदयपुर केेंद्रीय कारागृह के “सींखचों का सच” उजागर किया था, जिसमें “जेल में चरस पार्टी, शराब पार्टी, सट्टा” सहित अन्य ऐश-अय्याशी को उजागर किया था। इसके बाद जेल प्रशासन ने कुछ सख्ती बरती, लेकिन उसके बाद फिर से जेल में सारे गैर कानूनी काम शुरू हो गए। सूत्रों का कहना है कि udaipur central jail 1कैदियों को जेल के भीतर ऐश-अय्याशी का सारा सामान उपलब्ध हो जाता है और उसके लिए बस कैदियों को मोटी रकम देने पड़ती है और यह रकम वे मोबाइल फोन के जरिये बाहर लोगों को धमका कर मंगाते हैं, जो अंत में जेल अधिकारियों तक पहुंचती है। एक तरह से ये हार्डकोर अपराधी जेल में बैठकर अधिकारियों की जेबें भरने का काम कर रहे हैं और अधिकारियों ने जेल के भीतर ही इन अपराधियों का एक अपराध तंत्र खड़ा कर दिया है, जिसके जरिये अधिकारियों की मोटी कमाई हो रही है।
ऐसे पहुंचता है सामान :
जेल में हार्डकोर अपराधी अपने लिए शराब, चरस, गांजा और मांस-मच्छी तक मंगवा सकते हैं। इसके लिए कुछ कैदी है, जो अधिकारियों से मिले हुए हैं और वे अधिकारियों को मोटी रकम देकर ये सारा सामान जेल के भीतर मंगवा लेते हैं। ये सारा सामान जेल की चाक-चौबंद सुरक्षा बदोबस्त के बीच से गुजरता है। पता चला है कि जेल में अगर शराब की बोतल या मांस-मच्छी चाहिए, तो करीब २५ से तीस हजार रुपए तक रिश्वत के रूप में पहुंचानी पड़ती है। इसी तरह अन्य सारे सामान को अंदर ले जाने और रखने के लिए राशि तय है, जो जेल प्रबंधन तक पहुंचाने पर सभी सुविधाएं भीतर उपलब्ध हो जाती है।

udaipur central jail 3

जेल के भीतर भी गेंगवार :
हाल ही जेल में हुआ एक ताजा मामला सामने आया है। जेल में दो गिरोह हैं। एक सज्जाद सराड़ी का और दूसरा दिलीपनाथ का। यहां दो अपराधी है जयपुर निवासी राजवीर, जो कोटा जेल से ट्रांसफर होकर आया है और दूसरा लोकेश पालीवाल, जो चित्तौड़ जेल से आया है। दोनों पहले दोस्त थे और इनके इशारे पर बाहर इनके गुर्गे चोरियां, नकबजनी और अन्य वारदातों को अंजाम रकम इन तक पहुंचाते है, लेकिन बाद में दोनों के बीच रुपयों के लेन-देने को लेकर बात बिगड़ गई। यह मामला था करीब १४ लाख ७५ हजार का। इस विवाद को लेकर राजवीर पहुंचा दिलीपनाथ के पास और लोकेश पालीवाल पहुंचा सज्जाद सराड़ी के पास। दिलीपनाथ ने दोनों के बीच कंप्रोमाइज करवा दिया और आपस में रुपए का लेन-देन हो गया। इसकी भनक जब जेल प्रशासन को लगी, तो अधिकारियों ने उससे दो लाख रुपए की मांग की, लेकिन दिलीपनाथ ने यह राशि देने से इनकार कर दिया। इसलिए उसका कल बांसवाड़ा जेल में ट्रांसफर कर दिया।

जेल के अंदर सेल्फि
जेल के अंदर सेल्फि

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Анализ Спортивных Трендов на 1хбет Официальный Сайт

Анализ Спортивных Трендов на 1хбет Официальный СайтОнлайн-букмекеры, такие как...

1xbet 원엑스벳 가입 및 이용 주소 입출금 프로모션 코드 2025 꿀픽

1xbet원엑스벳 프로모션 코드와 사용법 2024년 기준 총정리!Content플레이텍 라이브 카지노...

Рейтинг самых Букмекерских Контор усовершенство Ставок На Спорт В России с Лицензией 2025

Букмекерские Конторы Беларуси: Топ Легальных Онлайн Бк Рб С...

Marseille compétiteurs ou gaming pour casino un peu

Leurs usagers pourront interpeller ces prime lors de à...