उदयपुर को जल्द मिलेगा पासपोर्ट सेवा केंद्र का तोहफा

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phpThumb_generated_thumbnail (2)उदयपुर. उदयपुर को अब जल्द ही पासपोर्ट सेवा केन्द्र का तोहफा मिलने वाला है। विदेश मंत्रालय में उदयपुर पीएसके की पत्रावली सकारात्मक निर्णय के साथ दौड़ पड़ी है। अब सिर्फ मंत्रालय में आधिकारिक मुहर लगना शेष है। मुहर लगते ही संभाग वासियों के विदेश उड़ान को पंख लग जाएंगे।
गौरतलब है कि गत वर्ष जून में उदयपुर प्रवास के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उदयपुर में पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोलने की घोषणा की थी। नगर निगम की ओर से पाठों की मगरी सुभाषनगर में निशुल्क भवन उपलब्ध करवाने पर विदेश मंत्रालय व दिल्ली पीएसके के अधिकारियों ने दौरा कर सकारात्मक रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की।
अधिकारियों के दौरे के बाद से फाइल पर विदेश मंत्रालय में औपचारिकताओं की पूर्तियों के लिए लम्बित थी। वहां से सकारात्मक प्रयास के बाद मंत्री के टेबल पर पहुंच चुकी है।
सरकार की मंशा जल्द ही इस सौगात को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जनता के बीच बांटने की है। आधिकारिक रूप से जनप्रतिनिधियों व अधिकारी ने इसकी मौन स्वीकृति दे दी है।
1.05 करोड़ जनसंख्या फिर भी थे वंचित
उदयपुर संभाग में 45827 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल व करीब 1.05 करोड़ से अधिक की जनसंख्या होने के बावजूद अब तक हम अपने हक से वंचित थे।
जबकि संभाग में आईआईएम सहित कई विश्वविद्यालय, मेडिकल एवं इंजीनियरिंग तथा नर्सिंग कॉलेज भी है और पर्यटन की दृष्टि से भी विश्व के मानचित्र के पटल पर उदयपुर अग्रिणी है। दक्षिणी राजस्थान की यह मांग पूरी हो जाने के बाद उदयपुर संभाग के छह जिलों के अलावा निकटवर्ती जिले भीलवाड़ा व सिरोही के आवेदक भी उदयपुर पासपोर्ट सेवाकेन्द्र का लाभ ले सकेंगे।
मार्च 2012 में उदयपुर में पासपोर्ट आवेदन जमा होने की व्यवस्था बंद किए जाने के बाद से संभाग के महिलाओं, बच्चों, बुर्जुर्गों, हजयात्रियों, विद्यार्थियों, मेडिकल व तकनीकी शिक्षा से जुडे़ आवेदकों और व्यापारियों सहित आदिवासी क्षेत्र से खाड़ी देशों में रोजगार के लिए जाने वाले श्रमिकों तथा आमजन जोधपुर, जयपुर पासपोर्ट सेवा केन्द्र के चक्कर काट रहे थे।
राज्य का चौथ पीएसके होगा उदयपुर में
जनता की मांग व जनप्रतिनिधियों के प्रयास से उदयपुर में खुलने वाला पीएसके राज्य में चौथा व देश में 87वां होगा। यह पीएसके बड़े संघर्ष के बाद जनता को वापस मिल रहा है।
जनता ने इसके लिए धरने, प्रदर्शन किए, सार्वजनिक रूप से पोस्टकार्ड लिखवाए।
उसके बाद जनप्रतिनिधियों को जोड़कर आवाज केन्द्र सरकार व विदेश मंत्रालय तक पहुंचाई। जून माह में खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उदयपुर में पीएसके की घोषणा कर दी थी। मंत्री सुषमा के इसी घोषणा के बाद जनता बेसब्री से पीएसके का इंतजार कर रही है।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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