उदयपुर। जिस कला को सिखने और पारंगत होने में कलाकारों को वर्षों मेहनत और अभ्यास की जरूरत होती है, उसी कला को चंद घंटों में कलात्मकता को साकार कर नन्हे बच्चों ने अपना हुनर दिखाया और आकर्षक कलाकृति एक दिन की कार्यषाला में पहली बार में ही तैयार कर दिखाई। मौका था सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल में इंटेक (इंडियन ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हैरिटेज) उदयपुर चैप्टर की ओर से विरासत जागरूकता कार्यषाला के आयोजन का।
भावी पीढ़ी युवाओं ने लगन और तल्लीनता से टेराकोटा से भगवान गणेष की मूर्ति को आकार दिया वहीं पिछवाई कला में अपनी नन्हीं कूचियों से श्रीनाथ जी का रूप साकर किया। वर्तमान पीढ़ी को प्राचीन विरासत से रूबरू कराने एवं पारंपरिक कलाओं के संरक्षण हेतु उन्हें जागरूक करने के उद्देष्य से आयोजित इस कार्यषाला में महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल, सीपीएस, आलोक संस्थान एवं सेट ऐन्थॉनी सी.सै.स्कूल के कुल 80 स्टूडेंट्स ने पद्मश्री मोहन लाल कुम्हार, राजा राम शर्मा एवं राजेष वैष्णव के सानिघ्य में नाथद्वारा के मुलेला गांव की प्रसिद्ध टेराकोटा कला , पिछवाई एवं जल सांझी कला को सीखा और उसकी बारीकियों को समझा। कार्यषाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डा. महेन्द्र्र भानावत, इंटेक छत्तीसगढ़,रायपुर के राज्य संयोजक ललित सुरजन चित्रकार डा.शैल चोयल ने ने अपने व्यक्तव्य में पांरपरिक कलाओं को संरक्षित करने पर जोर देते हुए युवाओं को इस क्षेत्र में अपना योगदान देने का आह्वान किया। इंटेक के स्थानीय संयोजक एस.के.वर्मा ने स्कूलों में हैरिटेज क्लब गठित करने पर सीपीएस की डायरेक्टर अल्का शर्मा को विद्यार्थियों के लिए विरासत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने पर आभार जताया। इस अवसर पर बच्चों द्वारा बनाई गई टेराकोटा की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में सीपीएस की मंजू देवासा, अवनी पंड्या, उर्वषी, दीप पांचाल, महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल की वर्तिका राठी एवं आलोक सी.सै. स्कूल हिरन मगरी की रितिका भानू का चयन किया गया। वहीं पिछवाई पेंटिग में सीपीएस की ओसिन शर्मा, आयुष बंसल, सेंट एन्थोनी सी.सै. स्कूल के दिव्यराज सिंह राठौड़ एवं आलोक सी.सै. स्कूल के रोहित प्रजापत की कृतियों सर्वश्रेष्ठ रही। कार्यषाला में सीपीएस की डायरेक्टर अल्का शर्मा ने आभार व्यक्त कर स्कूली बच्चों एवं संस्थाओं को विरासत से जुड़े रहने और उनके संरक्षण पर कार्य करने पर बल दिया। उन्होंने रॉक वुड हाई स्कूल में भी हेरिटेट क्लब गठन कर विरासत संरक्षण हेतु कार्य करने का निर्णय लिया।
नन्हें कलाकारों ने दिखाया हुनर
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