उदयपुर। महाराणा भूपाल और पन्नाधाय जनाना अस्पताल के डाक्टर की घोर लापरवाही के कारण एक बीमार प्रसूता के पेट में पहले गर्भस्थ शिशु और बाद में उसकी मौत हो गई। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के दोनों अस्पताल में 13 घंटे तक डॉक्टरों की लापरवाही का यह खेल चलता रहा। मृतक महिला के पति ने हाथीपोल थाने में मामला दर्ज करवाया है।
कल शाम चार बजे बेकरिया की प्रसूता मोहनी (३३) पत्नी लक्ष्मण गरासिया को परिजन पन्नाधाय जनाना अस्पताल लेकर आए, जहां पर मोहनी को बुखार होने पर डॉक्टरों ने उसे एमबी हॉस्पीटल के मेडिसिन विभाग में भिजवा दिया। एमबी चिकत्सालय से डॉक्टरों ने पुन: उसे जानना अस्पताल भेज दिया। मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों का कहना था कि यह गर्भवती है और इसका इलाज वहीं होगा। इधर, गर्भवती महिला की हालत बिगड़ती गई। पन्नाधाय और एमबी हॉस्पीटल के डॉक्टर प्रसूता और उसके परिजनों को इधर से उधर चक्कर कटवाते रहे। महिला का पति और उसका देवर महिला को स्ट्रेचर पर लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटते रहे। रात को करीब 12 बजे जनाना हॉस्पीटल के डॉक्टरों ने महिला के पेट में बच्चे को मृत बताया, लेकिन उसका उपचार शुरू नहीं किया। डॉक्टरों की लापरवाही की हद यह रही कि चार घंटे तक इलाज नहीं मिलने और मृत बच्चा पेट में होने से सुबह साढ़े पांच बजे आखिरकार मोहनी ने भी दम तोड़ दिया।
मौत के बाद एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप : मोहनीदेवी की मौत के बाद जनाना और एमबी हॉस्पीटल के डॉक्टर आपस में ही उलझ गए और बच्चे और प्रसूता की मौत के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने लगे। इधर महिला की मौत पर पति लक्ष्मण गरासिया ने आक्रोश व्यक्त करते हुए डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा हाथीपोल थाने में दर्ज कराया है। मृतक महिला मोहनी गरासिया आबूरोड भाजपा विधायक सोमाराम की रिश्तेदार है। विधायक ने रात को डॉक्टरों से बात भी की, लेकिन फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ा। पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
:दोनों हॉस्पीटल के अधीक्षकों से बातकर मामले की जांच करवाता हूं। अगर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की गलती पाई गई, तो कार्रवाई की जाएगी।
-डीपीसिंह, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज
13 घंटों तक डॉक्टर करते रहे लापरवाही का खेल – स्ट्रेचर पर ही गर्भवती महिला की जान निकल गयी ।
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