उदयपुर, यहां शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में रविवार शाम कोलकाता के लिटिल थैस्पियन थिएटर ग्रुप द्वारा टेनीज विलियम्स की कहानी पर आधारित नाटक ‘‘पतझड़’’ का मंचन किया गया जिसमें मुख्य किरदार गायत्री के परिवार के जीवन के ‘‘पतझड़’’ को एक गाम्भीर्य के साथ प्रदर्शित किया गया।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा आयोजित मासिक नाट्य संध्या रंगशाला में रविवार को प्रसिद्ध रंगकर्मी उस.एम. अजहर आलम द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘पतझड़’’ खेला गया। प्रस्तुत नाटक एक मध्यम वर्गीय परिवार पर केन्द्रित था। दार्जिलिंग की पृष्ठभूमि पर रचित इस नाटक के इस परिवार गायत्री प्रधान नामक महिला अपने पुत्र इंदीवर जो एक कवि और दार्शनिक अंदाज की जिन्दगी वाला इंसान है तथा उसकी बेटी यामिनी जिसके एक पैर में नुस्ख है और उसकी चाल खराब है और वो अपने काुच के खिलौनों से खेलती रहती है। नाटक की शुरूआत घर के माहौल से होती है जिसमें डाइनिंग टेबल डिस्कशन चलता रहता है। इंदीवर एक चाय फैक्ट्री में मुलाजिम है जिसकी आय से घर चलता है। किन्तु उसका कवि और दार्शनिक मन बार बार उसे नौकरी में रोड़ा बनता है। जीवन की किसी उहापोह के बीच गायत्री को कम्प्यूटर क्लास में भेजती है किन्तु वह उसमें भी नहीं जाती इसी दरम्यान उसके मन में यामिनी की शादी का ख्याल आता है। तब इंदीवर अपनी फैक्ट्री में काम करने वाले ताशिन को घर लाता है जो यामिनी के बचपन का सहपाठी रहा होता है व वह किसी और से प्यार करता है। यामिनी की शादी नहीं हो पाती। इधर इंदीवर की नौकरी भ्ज्ञी चली जाती है।
समूचा नाटक एक गाम्भीर्य से परिपूर्ण था जिसमें मानवीय संवेदनाएँ, पारिवारिक जुड़ाव, बिखराव और पलायनवादश् आशावाद जैसे रंग भरे थे। निर्देशक एस.एम. अजहर आलम ने कथानक की कसावट को बनाये रखा वहीं संवादों की तीवग्रता ने दर्शकों को बंधे रखने के साथ ही कहानी से जोड़े रखा। मुख्य किरदार गायत्री का चरित्र उमा झुनझुनवाला ने बखूबी से निभाया। संवाद अदायगी में कंठ की खराशगी ने संवादों को सशक्त बनाया। इंदीवर की भूमिका में सागर सेनगुप्ता का अभिनय श्रेष्ठ बन सका। सागर ने शराबी के किरदार व एक कविमना किरदार को बखूबी निभाया। यामिनी के रूप में हिना परवेज का अभिनय दर्शकों को पसंद आया। एक शारीरिक दुर्बलता की हीन भावना से ग्रस्त एक लड़की की भावना को यामिनी ने उत्कृष्ट अंदाज में अभिनीत किया। ताशिन के किरदार में शायन सरकार का अभिनय भी उत्कृष्ट बन सका। प्रस्तुति के बाद केन्द्र निदेशक फुरकान खान ने अतिथि कलाकारों का अभिवादन किया।
मासिक नाट्य संध्या ‘‘रंगशाला’’ गायत्री के जीवन का ‘‘पतझड़’’
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