उदयपुर। बलीचा बाइपास पर सोमवार सुबह बच्चों से भरी इंडो-अमेरिकन स्कूल की बस टैंकर से टकराने के बाद सडक़ किनारे पलट गई। हादसे में 20 से अधिक बच्चों को चोटें आई है। इनमें से छह बच्चों को अमेरिकन और चौधरी हॉस्पीटल में भर्ती करवाया गया है। इन बच्चों में से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। इलाज के बाद परिजनों को बच्चों से मिलने के लिए स्कूल में नहीं जाने देने पर स्कूल के बाहर हंगामा हो गया। सूचना पर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा और पुलिस पहुंची, जिन्होंने माहौल को शांत किया।
जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह आठ बजे बलीचा स्थित इंडो अमेरिकन स्कूल की बस ४० बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी। ड्राइवर बलीचा बाईपास के आगे हाइवे पर सर्विस लाइन पर तेज गति से बस दौड़ा रहा था, तभी सामने से आए बाइक सवार को बचाने के लिए बस को साइड में लिया, लेकिन बस की तेज गति ड्राइवर से कंट्रोल नहीं हुई और साइड में टैंकर से बस का पिछला हिस्सा टकरा गया। इससे बस पलट गई। बस की गति इतनी तेज थी कि बस पलटने के बाद भी 400 से 500 मीटर तक घिसटती रही। एक छोटा बच्चा इस बीच बस से उछलकर बाहर जा गिरा और डिवाइडर से टकरा गया। घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई। लोगों ने बच्चों को बस से बाहर निकाला। इस दौरान वहां से गुजर रहे विदेशी पर्यटकों ने अपने वाहन से बच्चों को गोवर्धनविलास स्थित राजस्थान हॉस्पीटल पहुंचाया। अन्य घायल बच्चों को दूसरे वाहनों से अस्पताल पहुंचाया गया। अधिक घायल बच्चों में से तीन को चौधरी अस्पताल और तीन को अमेरिकन अस्पाल में भर्ती करवाया गया। अमेरिकन अस्पताल में भर्ती करवाए गए बच्चों को अधिक चोट लगी है। इसमें 11वीं का छात्र अज़हर खान, कक्षा पांच का रूद्रप्रताप सिंह और तीसरी में पढऩे वाला वीरप्रताप सिंह शामिल है। अमेरिकन हॉस्पीटल के डॉक्टरों का कहना है कि वीरप्रताप सिंह को ज्यादा चोट लगी है, उसकी हालत चिंताजनक है। मौके पर आरटीओ और पुलिस अधिकारी भी तुरंत पहुच गए थे। इधर, सूचना मिलाने पर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा अमेरिकन अस्पताल पहुंचे और घायल बच्चों के बारे में जानकारी लेकर परिजनों को ढाढ़स बंधाया।
परिजनों ने किया हंगामा : स्कूल बस पलटने की खबर जैसे ही परिजनों को लगी, तो परिजन स्कूल में जमा होना शुरू हो गए, लेकिन स्कूल प्रशासन की हटधर्मिता के कारण परिजनों को उनके बच्चों से नहीं मिलने दिया गया। बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद दो घंटे तक स्कूल के एक कमरे में ही बिठाकर रखा। स्कूल बस की हालत भी इतनी खराब थी कि परिजन देखकर डर गए। पूरी बस में खून बिखरा हुआ था। बाद में परिजनों के हंगामा करने पर बच्चों को परिजनों के पास जाने दिया। इस दौरान स्कूलों में पहुंचे मीडियाकर्मियों को भी स्कूल परशासन ने रोक दिया और फोटो खिंचने पर कैमरे तोडऩे की कोशिश की।
ड्राइवर हमेशा चलाता था तेज : स्कूल में आए परिजन और बस में सवार बच्चों ने बताया कि 17 नंबर बस का ड्राइवर हमेशा तेज गति से बस चलाता था। बच्चों की शिकायत पर कई बार अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से शिकायत भी की थी, लेकिन स्कूल प्रशासन द्वारा भी समय पर कार्रवाई नहीं करने से आज यह हादसा हुआ। पता चला है कि बस देरी से पहुंचाने पर फाइन किया जाता था और बस को अंदर नहीं जाने दिया जाता था। इस जल्दबाजी में आज यह हादसा हुआ।