उदयपुर. रणथंभौर अभयारण्य के बाघ ‘उस्ताद को ‘दामिनी का साथ मिलने से एक बार फिर सज्जनगढ़ बॉयोलॉजिकल पार्क में बाघों का कुनबा बढऩे की राह खुल गई है। बीते दिनों साथी बाघ मोनू की मौत के बाद से बायोलॉजिकल पार्क में बाघिन ‘दामिनी अकेली रह गई थी। पशु विशेषज्ञों की मानें गर्मी कम होते ही दामिनी और उस्ताद को एक साथ पिंजरे में रखा जाएगा। जिससे दोनों एक-दूसरे से घुल-मिल सकें, हालांकि वन विभाग भी इससे सहमत है लेकिन वे कहते है कि अगर टाइगर को यहीं रखा जाता है तो ऐसा हर हाल में संभव है। पशुपालन विभाग उदयपुर के उपनिदेशक व पशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ललित जोशी ने बताया कि सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क की बाघिन दामिनी की उम्र पांच साल से अधिक है। उन्होंने माना कि रणथंभौर
अभ्यारण्य से आया बाघ टी-24 उर्फ उस्ताद भी युवा है और दामिनी वंश वृद्धि को यानी फीडिंग के लिए तैयार हो जाएगी। एेसे में पहले दोनों को एक-दूसरे के संपर्क में रहने के लिए उचित समय का इंतजार किया जाएगा। बाघ उस्ताद के आने से फिर बॉयोलोजिकल पार्क में बाघों का कुनबा बढऩे की संभावना अधिक है।