वास्तु के ये 9 उपाय जगाते हैं सोई हुई किस्मत

Date:

Udaipur
vastuवास्तु जीवन का ऐसा विज्ञान है जो इस बात पर जोर देता है कि घर-परिवार कैसे सुखी, स्वस्थ और खुशहाल हों। यह प्रकृति की ऊर्जा, संसाधन और परिवार की ऊर्जा के सही व संतुलित उपयोग के गुर सिखाता है।

जो घर वास्तु के प्रति जितना अनुकूल होगा, वहां उतनी ही खुशियां और समृद्धि होंगी। लोग सुखी होंगे। वहीं, वास्तु के प्रतिकूल घर समृद्धि के बावजूद दुख का कारण बनते हैं। जानिए, वास्तु की ऐसी ही कुछ आसान बातें जो ला सकती हैं आपके घर में खुशियां।

1- दोपहर या रात्रि को जब विश्राम करें तो आपका बिस्तर दक्षिण-पश्चिम दिशा में तथा सिर दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। इससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सही रहता है।

2-उखड़ा हुआ फर्श या खराब स्थिति में प्लास्टर घर में नकारात्मक ऊर्जा, अशांति और आर्थिक हानि लेकर आता है। इसलिए बेहतर होगा कि जल्द इसकी मरम्मत करवा लें।

3- बिस्तर के नीचे तेल, नमक, खाली मटका, झाडू़, जूते, कचरा और ओखली-मूसल जैसी चीजें न रखें। ये चीजें मानसिक अशांति के साथ ही भाग्योदय में बाधा लाती हैं।

4- अगर घर की छत पर भी खाली मटके, पुराने गमले, खराब कूलर, पंखे या रद्दी का सामान पड़ा हो तो उसे वहां से हटा दें। खासतौर से उस कमरे की छत पर ये चीजें नहीं होनी चाहिए, जहां रात्रि को शयन करते हैं।

5- रोज अपने इष्ट देव के चित्र या प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं। उसके आसपास दवाई आदि न रखें। पूजा करते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम की तरफ होना चाहिए।

6- भूखंड के बारे में वास्तु के जानकारों का मानना है कि उसकी लंबाई, चौड़ाई के दोगुने से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो उस घर में आय से ज्यादा व्यय होता है और प्रगति में बाधा आती है।

इसके लिए घर के एक भाग में पक्षियों के लिए दाना-पानी आदि के स्थान का निर्माण करें। इससे घर में सुख-शांति आती है और बचत बढ़ती है।

7- घर के दक्षिण-पश्चिम में अधिक दरवाजे या खिड़कियां हों तो चोरी, अग्नि और रोग पर अधिक व्यय को बढ़ावा मिलता है। अगर संभव हो तो इन्हें बंद कर दें। अगर ऐसा मुमकिन नहीं तो हर गुरुवार को गुड़, थोड़ी चने की दाल और चुपड़ी रोटी गाय को श्रद्धापूर्वक खिलाएं। गौ की कृपा से भी घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। उसके सदस्यों की रक्षा होती है।

8- घर के खिड़की-दरवाजों को खोलते-बंद करते वक्त अगर वे आवाज करते हैं तो यह शुभ संकेत नहीं है। कहा जाता है कि इससे घर के लोगों का स्वास्थ्य खराब होता है। बोलते दरवाजे सुनसान या खामोशी का प्रतीक होते हैं। इसलिए उनके जोड़ (जहां से वे दीवार से जुड़े हैं) में तेल आदि लगाकर दुरुस्त करें। दरवाजों का आसानी से खुलना-बंद होना ही शुभ होता है।

9- घर के मुख्य द्वार के सामने कोई कंटीला पौधा या फूल न लगाएं। द्वार सुंदर और मन को प्रसन्नता देने वाला होना चाहिए। उसके सामने गंदा पानी इकट्ठा नहीं होना चाहिए। मुख्य द्वार पर कोई शुभ प्रतीक चिह्न, ऊं, गणपति, शुभ-लाभ या जिस देव में आप श्रद्धा रखते हैं, लिखना चाहिए।

स्वागतम या स्थानीय भाषा में अभिवादन स्वरूप इस्तेमाल होने वाले वाक्य भी लिखे जा सकते हैं। ये भी शुभ माने जाते हैं और गृहस्वामी की प्रतिष्ठा बढ़ाते हैं। मुख्य द्वार पर- कुत्तों से सावधान, जैसे वाक्य नहीं लिखने चाहिए। किसी जंगली व हिंसक जानवर का चित्र भी अशुभ माना गया है।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Мостбет Рабочее Лучник Сайта казино Mostbet на данный момент

Это надобно в видах обеспечения безвредности абсолютно всех финансовых...

Onlayn qumar evində oyunların əlifbası pin

Üstəlik, sədaqət proqramlarının nümayəndələri orijinal bonuslar və daha çox...

Qumar evi Pin AP Rəsmi veb saytı Casino Bastya Interactive

Yəni yüz ovqada bibor. 1.0 əmsalı ilə bir nəticə...

Рабочее 1xbet зеркало получите и распишитесь в данное время прямо сейчас Адвербиализация возьмите должностной веб-журнал 1хбет

Благодарствуя многоуровневой порядке допуска капитал клиентов фирмы могут танцевать...