लेकसिटी में एक भी सक्षम गैस उपभोक्ता नहीं : केबिनेट सेवक, सांसद, विधायक, ब्यूरोक्रेट और धनाढ्यों ने नहीं किया सब्सिडी लौटाने का आवेदन
उदयपुर। देश के विकास को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष सक्षम गैस उपभोक्ताओं को सब्सिडी छोडऩे का अनुरोध किया था लेकिन उदयपुर में एक भी सक्षम उपभोक्ता नहीं है। यहां पर किसी ने भी गैस सब्सिडी छोडऩे के लिए आवेदन नहीं किया है, जबकि मेवाड़ के केबिनेट सेवक, राज्य सेवक, विधायक, सांसद, ब्यूरोक्रेट और कई धनाढ्य ऐसे हैं, जो सब्सिडी छोड़कर देश के विकास में सहयोग कर सकते हैं, लेकिन सब्सिडी पर टपकती लार को चाटने के लिए ये लोग सब्सिडाइज्ड सिलेंडर ले रहे हैं। केंद्र सरकार को प्रत्येक सिलेंडर पर सब्सिडी के रूप में 275 रुपए खर्च करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं कई वर्तमान और भूतपूर्व जन सेवक यह राशि प्राप्त कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने पिछले साल एलपीजी सब्सिडी पर 40 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस राशि को बचाने के लिए देशभर में संपन्न राजनेताओं और लोगों से इस सब्सिडी को छोडऩे का आह्वान किया था, लेकिन मेवाड़ में एक भी ऐसा नेता नहीं है, जिसने सब्सिडी छोड़ी हो। पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा की गई अपील में यह भी बताया गया है कि संपन्न राजनेता और उद्योगपति अगर इस राशि को छोड़ते हैं, तो वह विकास में काम आएगी, लेकिन सब्सिडी छोडऩे के लिए एक भी आवेदन नहीं आने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां के नेताओं को राष्ट्र के विकास में कोई रूचि नहीं है!
किसी ने नहीं छोड़ी सब्सिडी
उदयपुर जिले में ढाई लाख से अधिक गैस के उपभोक्ता है। इन उपभोक्ताओं में राज्य के गृह सेवक, सांसद, विधायक, ब्यूरोक्रेट्स और जाने कितने धनाढ्य लोग शामिल है लेकिन किसी एक ने भी सब्सिडी छोडऩे का आवेदन नहीं किया है। जिले में करीब 16 गैस एजेंसियां है। अधिकतर गैस एजेंसियों पर जब पूछा तो कही से भी इस तरह की बात सामने नहीं आई कि किसी ने देशहित में सब्सिडी छोडऩे का आवेदन किया हो। पता चला है कि यह हाल उदयपुर के ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के हैं। पेट्रोलियम कंपनियों के ट्रांसपेरेंसी पोर्टल के अनुसार पूरे प्रदेश में एक हजार 089 उपभोक्ताओं ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी। इन लोगों में अधिकांश आम उपभोक्ता हैं।
यह है पेट्रोलियम मंत्रालय का आह्वान
पिछले दिनों केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सक्षम उपभोक्ताओं को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित करने का अभियान छेड़ा। पेट्रोलियम मंत्रालय ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह सभी राज्यों के मुख्य सेवकों से सब्सिडी छोडऩे के आवेदन पर तुरंत हस्ताक्षर कराएं। देश में गत एक साल में नौ हजार उपभोक्ताओं के सब्सिडी छोडऩे से सरकार को साढ़े 13 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
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