सारे आलम में ये देखो कैसा नूर छाया है …

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उदयपुर । हज़रत मोहम्मद साहब के जन्म दिन को लेकर शहर के मुस्लिम मोहल्लों और मस्जिदों में आकर्षक साज सज्जा की गयी है शहर के सभी मोहल्लों में मानों नूर उत्तर आया हो | वही कई मस्जिदों में और अंजुमन चौक पर मिलाद के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है | कल शहर में जुलूसे मोहम्मदी निकाला जाएगा जिसमे शहर के व् आसपास कस्बों के मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल होंगे |
रबीउल अव्वल ( इस्लामी माह ) की १२ तारीख को पैग़म्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब का जन्म दिन मुस्लिम समुदाय द्वारा जश्न -ए- ईद मिलादुन्नबी के रूप में मनाया जाता है | जिसकी तैयारियां रबीउल अव्वल का चाँद दिखने से ही शुरू हो जाती है | कल मनाये जाने वाले मोहम्मद साहब के जन्म दिन पर शहर भर के मुस्लिम मोहल्लों को आकर्षक रूप से सजाया गया है | शहर के खांजीपीर, आयड, सिलावटवाडी, मल्लातलाई, सवीना सहित सभी मुस्लिम बस्तियों की लाइटों एवं फर्रियों से आकर्षक सजावट की गई है। अशरफी नौजवान कमेटी सहित मौहल्लों की विभिन्न कमेटियों द्वारा इस काम को अंजाम दिया गया है। पटेल सर्कल छोर से लेकर गुलाबबाग वाले छोर तक खांजीपीर को आकर्षक चाइनीज लाइटों, गुम्बदे खजरा आदि से सजाया गया है। माछला मगरा पहाडी बडे अक्षरों में विद्युत लाइटों से ’जश्ने ईद मिलादुन्नबी मुबारक’ लिखा गया है। शनिवार को सजावट देखने आने वाले जश्ने ईद मिलादुन्नबी की वैसे तो शहर के सभी मुस्लिम मौहल्ले सजाये गये है परंतु इसकी पूर्व संध्या पर आज शहर के खांजीपीर में विद्युत सजावट को देखने शहर के सभी मुस्लिम मौहल्लों के मुस्लिम परिवार वहां पहुंचेंगे। लोगों के लिए विभिन्न खाने-पीने की स्टॉलें लगाई जाएगी।
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जुलुस कल : कल शहर में जुलूसे मोहम्मदी निकाला जाएगा। जो दोपहर 2 बजे अंजुमन चौक से शुरू होकर घंटाघर, हाथीपोल, अम्बावगढ कच्ची बस्ती होते हुए मल्लातलाई होकर इमरत रसूल बाबा की दरगाह पर जाकर सम्पन्न होगा जहां अंजुमन कमेटी द्वारा चादर पेश की जाएगी। इस मोके पर अंजुमन के सदर मोहम्मद खलील ने जुलुस में कोई वाहन लाने पर पाबंदी लगाईं है तथा महिलाओं को भी जुलुस में आने से मना किया है | साथ ही सभी मुस्लिम से जुलुस में शान्ति और सौहार्द पूर्ण तरीके से निकालने की गुजारिश की है | अंजुमन तालिमुल इस्लाम द्वारा आयोजित दो रोजा जश्ने ईद मिलादुन्नबी के पहले दिन शुक्रवार को शहर की तीन मिलाद पार्टियों एवं अंजुमन तालिमुल इस्लाम के बच्चों ने नातियां कलाम पेश किए। इसके अलावा शहर की विभिन्न मस्जिदों के इमामों द्वारा तकरीर की गई। कलकत्ता से तशरीप* लाए शायरे इस्लाम पै*जाने मुजाहिद ने हजरत मोहम्मद साहब की शान में नातिया कलाम पेश किए।
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