उदयपुर, खादी और ग्रामोद्योग आयोग मुम्बई और राजस्थान आदिम जाति सेवक संघ के संयुक्त तत्वावधान में 16 दिवसीय राज्य स्तरीय पी.एम.ई.जी.पी. खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी (मेला) अब अपनी रंगत पर आ चुका है और शहरवासी मेले का लुत्फ उठाने के साथ-साथ खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़े उत्पादों की जमकर खरीददारी भी कर रहे है।
यह जानकारी देते हुए मेला संयोजक पप्पू खण्डेलवाल ने बताया कि खादी मेले में इस बार जिला उद्योग केन्द्र डूंगरपुर द्वारा टेराकोटा कलस्टर द्वारा 20 सहायता समुह के निर्मित मिट्टी खुबसुरत उत्पाद अपनी आकर्षित कर रहे है और उसकी खरीददारी में भी रूचि ले रहे है। स्टॉल पर मिट्टी के लेम्प, दीपक, आर्टिकल, पेन स्टेण्ड, विजिट कार्ड, कप, ग्लास, गमले, टाईल्स, बोंतले और मिट्टी द्वारा निर्मित लंच बॉक्स की खरीददारी भी की जा रही है। इस तरह के निर्माण की बिक्री से सीधे-सीधे सहायता समुह से जुडे़ लोगोें को स्वरोजगार उपलब्ध होता है। इसके अलावा खाली मेले में चंदन द्वारा निर्मित मसाला अगरबत्तियां भी अपनी खुशबु से मेलार्थियों को अपनी ओर खींच रही है।
सर्दी की खुराक जगल भी मेले में अपनी पहचान बनाये हुए है और तीन स्टॉलों पर लोग तील, गुड़, नारियल के गोले व काजु किशमिश से तैयार जगल की खरीददारी के साथ शुद्ध तिल्ली का तेल भी खरीद रहे है। जगल की खास बात यह है कि वह स्टॉल पर ही घाणी में तैयार कर उपलब्ध कराई जा रही है।
खण्डेलवाल ने बताया कि शनिवार व रविवार को मेले में अत्यधिक मेलार्थियों के आने की संभावना है जिससे खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पादों की अच्छी बिक्री की उम्मीद बंधी है।