बन गयी उदयपुर शहर की सरकार , 63.57 प्रतिशत हुआ मतदान, परिणाम 25 को

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उदयपुर| शहर की सरकार चुनने के लिए नगर निगम बनाने के बाद पहले चुनाव मतदाताओं के जोश के साथ संम्पन्न हुए | दिन भर चले मतदान उत्सव में नगर निगम बोर्ड के लिए ५४ वार्डों के १७१ प्रत्याशियों का भविष्य शाम छह बजे एवीएम मशीनों में सील IMG_0017हो गया | शहर में 63.57 प्रतिशत मतदान हुआ जिसमे युवाओं और महिलाओं ने खासा उत्साह दिखाया |
नगर निगम के ५५ वार्डों में से ५४ वार्डों के लिए १७१ प्रत्याशियों के लिए शहरवासियों ने जम कर मतदान किया मतदान सुबह ७ बजे शुरू होगया था जो सुबह १० बजे तक लगभग सभी केन्द्रों पर धीमा रहा लेकिन इसके बाद ३ बजे तक मतदाताओं ने खूब मतदान किया जिसका नतीजा शाम छह बजे तक प्रतिशत मतदान होगया इससे पहले शहर के सभी ३१६ बूथों पर औसतन 9 बजे 10 फीसदी , 11 बजे 21.30 फीसदी, 1 बजे 41.20 फीसदी, अपराह्न 3 बजे 51.43 फीसदी तथा शाम 5 बजे तक 63.32 फीसदी मतदान दर्ज हुआ। शुरुआत में धीमा मतदान की वजह सर्दी भी रही और दूसरा कई मतदाताओं को वोटर पर्ची नहीं मिलने की वजह से मतदान केंद्र का पता नहीं होना भी रहा | राजनैतिक पार्टियों के कार्यकर्ता दिन भर मतदाताओं को वाहनों में लाने ले जाने का कार्य बेरोक टोक करते रहे लगभग सभी वार्डों में प्रत्याशियों ने अपने अपने मतदाताओं को लाने के लिए ढेरों वाहन लगा रखे थे | बड़े ऑटो के IMG_0056तो यह हाल थे की रुट पर चलने वाले ऑटो कम पड़ गए | कही किसी रिटर्निंग अधिकारी ने रोका भी नहीं इसलिए शाम मतदान समाप्त होने तक ढले से चलते रहे |
मतदताओं में ख़ास कर युवाओं और महिलाओं में खासा उत्साह दिखा | वार्ड चुनाव होने की वजह से हर युवा सक्रीय नज़र आया | दूसरी और जिला कलेक्टर द्वारा छुट्टी की घोषणा की वजह से भी मतदान प्रतिशत अच्छा रहा | देर शाम तक कार्यकर्ता और घरों के लोग मतदान करवाने के लिए वृद्ध लोगों को भी उठा उठा कर लाते रहे | सवीना स्थित बरकत कॉलोनी में वार्ड २० के लिए ११२ वर्ष की वृद्धा को भी गॉड में उठा कर मतदान के लिए लाया गया |
विभिन्न प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने वार्डों में सुबह से ही चक्कर लगा रहे थे जिससे चुनाव का माहौल बन रहा था। मतदान केन्द्रों से निश्चित दूरी पर लगाए गए बूथों पर प्रत्याशियों के समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा। आसपास के नाश्ता सेंटरों की चांदी हो गई। कोई 25 तो कोई 30 कचोरी, समोसे लेने आते रहे। रेस्टोरेंट पर भी बार-बार नाश्ता खत्म हो रहा था। वार्ड 14 के खांजीपीर स्थित बूथ पर महिला कांस्टेबल अपनी नन्हीं बच्ची को गोद में बिठाकर ड्यूटी करती दिखीं तो वार्ड 41 में रोशनलाल शर्मा पब्लिक स्कूल में कच्ची बस्ती के लोगों की सुबह से खासी भीड़ रही। फाइनेंस माफिया और भू-माफियाओं का इस क्षेत्र में जमावड़ा रहा।
वार्ड 43 के एक मतदाता ने दोनों प्रत्याशियों से रिश्तेदारी होने के कारण नोटा का उपयोग किया। उनका कहना था कि एक ओर भतीजा-बहू है तो दूसरी ओर भाभी। धर्म संकट है कि किसको वोट दूं, इसलिए मैंने नोटा का बटन दबाया।
व्हील चेयर नहीं : मतदान केन्द्रों पर व्हील चेयर नहीं होने के कारण चलने में बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ओसवाल भवन में पहुंची IMG_0047कलादेवी अग्रवाल के पुत्र संजय अग्रवाल ने बताया कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदान अधिकारी को कहने के बावजूद इस बार भी व्हील चेयर की व्यवस्था नहीं की गई। वार्ड ४९ में ९२ वर्ष की शकीना बीबी को भी कन्धों पर उठा कर लाया गया | वार्ड ४ में डुला बाई ८७ वर्ष के दोनों पैरों से चल नहीं पारहि थी लेकिन फिर भी उनका दोहिता उन्हें गोद में उठा कर मतदान करवाने के लिए लाया | वार्ड नम्बर 18 भाग संख्या -4 में शारीरिक अक्षमता के बावजूद 90 वर्षीय सत्यदेव मलिक तथा 100 वर्षीय नानी बाई ने मतदान किया। वार्ड नम्बर 2 में 85 वर्षीय दौलत सिंह खमेसरा ने बताया कि मैंने आजादी के बाद होने वाले सभी चुनावों में मतदान किया है। तथा वार्ड नम्बर 19 में 90 वर्षीय गोकुललाल खटोड़ एवं 88 वर्षीय पत्नी श्रीमती रुकमणि बाई ने भी अपनी सक्रियता दिखाई। कही भी व्हील चेयर की व्यवस्था नहीं की गयी थी |
बाहर गए मतदाताओं को बुलाया : वार्डों में कई मतदाताओं के किसी काम से बाहर जाने के कारण प्रत्याशियों के समर्थकों की ओर से उन्हें वाहन भेजकर बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार शहर से कई मतदाता किसी काम से नजदीकी गांवों में गए थे। सूची देखकर प्रत्याशी के समर्थक मतदाता के घर पहुंचे और पूछताछ कर फोन पर बुलवाया गया।
प्रत्याशी के समर्थकों द्वारा प्रत्येक मतदान केन्द्र के बाहर बूथ लगाकर मतदाताओं को पर्चियां देने की जरूरत भी महसूस की गई। प्रत्याशियों ने घर-घर जाकर फोटो युक्त पर्ची पहुंचाई थी। इसके बावजूद कई मतदाता बिना पर्ची के सीधे मतदान केन्द्र पहुंच गए। फिर प्रत्याशी के बूथ पर जाकर वहां से पर्ची लेकर वापस मतदान केन्द्र पहुंचे। प्रत्याशियों का कहना था कि घर-घर जाकर पर्ची देने का कोई मतलब नहीं निकला। यहां भी पर्ची देनी ही पड़ रही है। उधर कई मतदाता पर्ची लेकर मतदान केन्द्रों पर अपना बूथ ढूंढते नजर आए। उनकी सहायता के लिए पार्टी प्रत्याशियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे, जिन्होंने मार्गदर्शन किया।

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आपाणो ध्यान राखजो : मतदाताओं के सीधे मतदान केन्द्र में जाने के कारण बाहर लगे बूथों पर कार्यकर्ता और समर्थक सिर्फ यही कहते नजर आए कि आपाणो ध्यान राखजो। वे आने-जाने वाले मतदाताओं को स्वयं के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे थे।
मतदान का जोश, लेकिन नाम नहीं : कई मतदाता जोश के साथ मतदान केन्द्रों तक पहुंचे लेकिन मतदाता सूची से नाम गायब देखकर सारा जोश ठंडा पड़ गया। काफी मशक्कत भी की लेकिन अंतत: निराश ही लौटना पड़ा। कई वर्षों से मतदान कर रहे इन लोगों का मतदाता सूची में नाम ही नहीं होने के कारण मतदाता भी हैरान हो गए। मतदान से वंचित लोगों ने अधिकारियों से पिछले कई वर्षों से इसी क्षेत्र से मतदान करने की जानकारी दी। काफी प्रयास के बाद भी छोटी सब्जी मंडी निवासी लालूराम वार्ड 43 में मतदान से वंचित रह गए। बताया गया कि कई मतदाता जो पूर्व में शहर के अंदरूनी क्षेत्रों में रहते थे। उन्होंने शहर से दूर नया मकान बना लिया। ऐसे में मूल स्थान से उनका नाम काट दिया गया। इन लोगों का नाम नए स्थान पर मतदाता सूची में नहीं जोड़ा गया।

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मतदान प्रतिशत दिन चढ़ाने के साथ साथ बढ़ा : प्राप्त सूचनानुसार वार्ड नम्बर 1 के बूथ पर कुल 1127 मतों में से 378 मत पड़े जिसमें 245 महिला एवं 134 पुरूष मतदाता शामिल है। इसी प्रकार वार्ड नम्बर 55 में दोपहर 11 बजे तक कुल 882 मतों मे से 210 मतदाताओं ने मतदान किया जिसमें वृद्धजनों की उपस्थिति देखी गई। वार्ड नम्बर 45 में बूथ संख्या 1 पर दोपहर 12 बजे तक 31.83 प्रतिशत मतदान हुआ जिसमें कुल 1087 मतों में से 344 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया जिसमें 239 पुरूष व 105 महिला मतदाताओं ने सहभागिता निभाई। इसी वार्ड की बूथ संख्या 2 पर 217 पुरूषों एवं 138 महिलाओं ने अपने वयस्क परिजनों के साथ मतदान किया, कुल 923 मतों में से 355 मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया। इसी प्रकार वार्ड नम्बर 5 में दोपहर 2 बजे तक भाग संख्या- 4 में 852 में से 475 मतदाताओं ने तथा भाग संख्या 5 में 1161 में से 510 मतदाताओं ने मतदान किया।

1 COMMENT

  1. nice % nice democracy scheme.
    she what next,,, how much the development will be done by muncipal corp.
    or only business of democracy
    Better to introduce technocrat system with high qualified result oriented personal instead of this all.

    Make system specially bearocracy must be flow in not good in best way. honerable system can only help for real means of democracy not only DEMO.

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