बडी झील में वाटर स्पोर्ट्स प्रारम्भ करने का प्रस्ताव
उदयपुर’ बडी झील में मानवीय गतिविधियो को बढावा देने से बडी झील भी पिछोला की तरह घोर प्रदूषित होकर विषैली हो जाएगी। बडी झील में वाटर स्पोर्ट्स प्रारंभ करने का प्रस्ताव बडी झील के पर्यावरण तंत्र को नष्ट कर देगा। इस प्रस्ताव को सरकार को अस्वीकृत कर देना चाहिए।’
उक्त विचार डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट में विभिन्न पर्यावरणीय संगठनो के संवाद में व्यक्त किये गए। झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता तथा डॉ. अरूण जकरिया ने कहा कि बडी झील को पर्यावरणीय अध्ययन एवं जीन बैंक के लिए संरक्षित रखना चाहिए। वाटर स्पोर्ट्स झील की जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने का प्रस्ताव है। पर्यावरण विज्ञानी डॉ. वी एस दुर्वे तथा मत्स्यकी विभाग के पूर्व उपनिदेशक ईस्माइल अली दुर्गा ने मत प्रकट किया कि बडी झील में वाटरस्पोर्ट्स झील के पारिस्थितिक तंत्र के लिए गंभीर खतरा साबित होगा।
चांदपोल नागरिक समिति के तेज शंकर पालीवाल व गान्धी स्मृति मंदिर समिति अध्यक्ष सुशील दशोरा तथा भरत कुमावत ने कहा कि वैज्ञानिक, तकनिकी अध्ययन तथा विशेषज्ञों व नागरिको से विचार विमर्श के बगैर ही मनमर्जी पूर्वक निर्णय ले लेते है। इसी से प्राकृतिक संसाधन समाप्त हो रहे है।
झील हितेषी नागरिक मंच के हाजी सरदार मोहम्मद व नूर मोहम्मद ने कहा कि झीलों के पानी की गुणवत्ता में मशीनी नौकाएं बडी बाधा है। वरिष्ठ नागरिक सोहनलाल तम्बोली एवं खेमराज कुमावत ने झीलों पर बनायीं जारही योजनाए ही झीलों की परिस्थिकता को निगल रही है।
’वाटर स्पोर्ट्स झील के पारिस्थितिक तंत्र के लिए गंभीर खतरा’
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