उमा शर्मा ने भजन एवं नृत्य से महारास, मयूर नृत्य एवं पंचवटी वर्णन प्रस्तुत किया
उदयपुर, कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में गुरूवार शाम को ऐतिहासिक जगमंदिर में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के तत्वावधान में कत्थक पर आधारित कार्यक्रम ‘ब्रह्मांजलि 2014’ का आयोजन किया गया। जिसमें नई दिल्ली की कत्थक कलाकार उमा शर्मा ने अपने साथियों के साथ प्रस्तुति दी।
समारोह के मुख्य अतिथि फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी व अध्यक्ष श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़ थे। समारोह के प्रारंभ में श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ ने दीप प्रज्वलित किया। कार्यक्रम में श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ ने ऐतिहासिक जगमंदिर में वर्षों से मनाए जाने वाले कार्तिक पूर्णिमा पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने फाउण्डेशन एवं एचआरएच द्वारा जीवंत विरासत के क्षेत्र में विश्व भर में किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी दी।
जगत पिता ब्रह्मा के आराधना दिवस के रूप में मनाए जाने वाले कार्तिक पूर्णिमा के उत्सव के अवसर पर ऐतिहासिक जगमंदिर में हुए ‘ब्रह्मांजलि 2014’ कार्यक्रम में कत्थक की सुप्रसिद्ध कलाकार उमा शर्मा ने अपने साथियों के साथ सर्वप्रथम भगवान ब्रह्मा एवं विष्णु से नृत्य मुद्रा में आशीर्वचन मांगा। इसके पश्चात उन्होंने रामायण के पंचवटी वर्णन में शूर्पणखा का आगमन एवं स्वर्ण मृग की चाह में सीता द्वारा राम को जिद कर वन में भेजने का नृत्य विभिन्न भाव-भंगिमाओं एवं लयताल में प्रस्तुत किया। इसके पश्चात उन्होंने मयूर नृत्य एवं नित्य रास मीरां भजन ‘वारि-वारि श्याम हूं वारि थे आ जाओ गली हमारी’ प्रस्तुत किया। उमा शर्मा एवं साथियों की प्रस्तुति महारास लीला ने अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के संगीत निर्देशन पंडित ज्वाला प्रसाद ने किया। उनके साथ माधो प्रसाद, मुबारक खान (तबला), खालीद मुस्तफा (सितार), विनय प्रसन्ना (बांसुरी), अबरार हुसैन (सरोद), तरूण (पखावज), योगराज पंवार एवं एस.एम. जहीर ने संगत की। अन्य कलाकार गजेन्द्र मानी, सुनील अंबावता, सीमा छाबड़ा, ज्योति गर्ग, ज्योति सिंह, कोमल महाजन, अनुष्का छाबड़ा, सृष्टि शर्मा, मेघना रावत, ज्योति नांबियर, स्मृति, ऊर्जा कालरा, सुकृति, दिव्या गर्ग, वाणी बजाज, मुकेश गोयल, संजय गर्ग ने सहयोग दिया।
कार्यक्रम में फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, देशी एवं विदेशी मेहमानों सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। समारोह का संचालन नेहा श्रीवास्तव ने किया। अंत में सभी कलाकारों को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्तिक पूर्णिमा पर जगमंदिर में कत्थक ने मन मोहा
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