उदयपुर। दो साल की मासूम अक्षरा की जान उसकी मां रेखा ने ही ली थी।
पुलिस से पूछताछ में रेखा ने जुर्म कबूल लिया। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया, उसे तीसरी बेटी होने के बाद अस्पताल से ही ससुराल में ताने मिल रहे थे।
इससे वह कभी मानसिक तनाव से उबर नहीं पाई और इसी तनाव में उसने अक्षरा की हत्या कर दी। बाद में पुलिस ने रेखा को गिरफ्तार कर लिया।
उधर, हत्या का कारण जान गांव सन्न रह गया। रेखा ने मझली बेटी को जन्म के छह माह बाद ही बहन के पास छोड़ दिया था। रेखा ने पुलिस को बताया कि तीसरी बार भी बेटी न हो जाए, इस डर से गर्भपात का प्रयास भी किया था।
रेखा ने पुलिस को बताया कि 17 अक्टूबर सुबह उसने अक्षरा को अपने हाथों से चाय पिलाई। उसके बाद पति के घर में मौजूद रहने के दौरान ही मौका देखकर उसे घर के पिछवाड़े कुएं में पटककर आ गई।
घटना के समय उसकी किसी पर नजर नहीं पड़ी। पति ने भी ध्यान नहीं दिया और वह नौकरी पर चला गया। बाद में उसने ससुर व पति को उसके 4 लापता होने की जानकारी दी। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर दूसरे दिन अक्षरा का शव कुएं से बरामद कर लिया।