उदयपुर | दिवाली के अगले दिन खेखरे से लेकसिटी में पर्यटकों की बहार आई हुई है | दिवाली ब्रेक का इंतज़ार कर रहे गुजराती पर्यटकों से शहर हो रहा है पर्यटन स्थलों पर भीड़ और कई जगह वाहनों के जाम लगे हुए है | झीलों के लबालब होने से भी पर्यटक अधिक आये हुए है | होटल अधिक तर फुल है प्रमुख बाजारों में भी सैलानियों की उपस्थिति से पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों के चेहरों पर रौनक है। छुट्टियों का आनंद उठाने वाले सैलानियों में सर्वाधिक गुजराती हैं।
दिवाली ब्रेक की छुट्टियों में मुख्य तह गुजराती पर्यटकों से लेकसिटी भरी पड़ी है | शहर के सभी प्रमुख पर्यटन स्थल सहेलियों की बाड़ी, दूधतलाई, फतहसागर सिटी पैलेस सभी स्थल पर्यटकों से भरे पड़े हैं। इसी के तहत शहर के सभी होटल, रिसोर्ट, धर्मशालाओं फुल हैं। इधर, शहर की सड़कों की हालत यह है कि जो गाडिय़ां दौड़ रही हैं, उनमें से सबसे ज्यादा गुजरात नंबर प्लेट वाली हैं।
होटल-रेस्टोरेंट में वेटिंग :
पर्यटकों को जहां रुकने के लिए होटल संचालकों को मुंह मांगा किराया देना पड़ रहा है, वहीं रेस्टोरेंट और भोजनालय में सैलानियों को अपनी बारी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। दया भोजनालय के किशन दया ने बताया कि पर्यटकों की संख्या अब बढऩे लगी है। ऐसे में लंच और डिनर के लिए कुछ देर का इंतजार तो करना ही पड़ता है।म यही हाल शहर के और भी कई भोजनालयों के है | जहाँ खाने के लिए भी वेटिंग करनी पढ़ रही है |
वाहनों का जमघट :
प्रमुख पर्यटन स्थल, चौराहों के आसपास स्थित खाने-पीने की दुकानों के बाहर पर्यटकों के वाहनों का जमघट लगा हुआ है। देहली गेट कंट्रोल रूम के सामने तीन डायनिंग हाल होने से वाहनों से सड़क का काफी हिस्सा ब्लॉक हो जाता है, जिससे आने-जाने वालों को परेशानी उठानी पड़ रही है। दूध तले समोर बाग़ जगदीश चौक मार्ग पर भी पर्यटक वाहनों की वजह से जाम लगा हुआ रहता है |
होटल फुल, धर्मशाला, गेस्ट हाउस बने विकल्प :
शहर की प्रमुख होटल ही नहीं बजट होटलों में इन दिनों रूम के लिए सैलानियों को मशक्कत करनी पड़ रही है। होटल व्यवसायी अरुण जैन के अनुसार होटलों में कमरे नहीं मिलने पर जैन धर्मशाला, चंपालाल धर्मशाला, गेस्ट हाउस सैलानियों के लिए विकल्प बने हुए हैं। लक्जरी होटल और पांच सितारा होटल तो दिवाली पूर्व ही बुक हो चुके थे |