उदयपुर। साकरोदा के पाड़ा खादरी गांव में शुक्रवार सुबह से अपह्वत बताई गई 2 साल की बच्ची अक्षरा शनिवार सुबह मृत मिली। मकान के पिछवाडे खेत में स्थित कुएं से उसका शव बरामद हुआ। पुलिस का मानना है कि कुएं पर मंुडेर नहीं है लेकिन बच्ची वहां अकेली नहीं पहुंच सकती। कोई बच्चा उसे ले गया और हादसा हो गया। या, किसी निकटतम ने उसकी जान ले ली। हालांकि पुलिस ने अपहरण से इनकार किया है लेकिन हर पहलू पर बारीकी से जांच कर रही है। अक्षरा उपसरपंच भैरूसिंह राजपूत की पोती थी, जो शुक्रवार सुबह 10 बजे घर से लापता हो गई थी।
शाम तक खेजबीन के बावजूद नहीं मिलने पर पिता रामसिंह ने यहां प्रतापनगर थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। परिजन ने पुलिस को बताया था कि काली बाइक पर सवार दो युवक बच्ची को ले गए। इस पर पुलिस ने जिलेभर में नाकाबंदी कराई थी लेकिन बालिका का कोई पता नहीं चला था। पुलिस अधीक्षक अजयपाल लाम्बा, एएसपी रेवन्तदान, हनुमान प्रसाद मीणा सहित कई अधिकारी मौके पर पहंुचे और डॉग स्कवायड को भी मौके पर बुलाया।
सर्च के दौरान डॉग मकान व उसके पिछवाड़े खेत में 300 मीटर के दायरे में घूमता रहा। पुलिस ने शुक्रवार देर रात तक आसपास खूब खोजबीन की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। परिजनोें के शक के आधार पर पुलिस ने दामाद को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की।
सौ जवान लगाए, तब मिला शव
डॉग स्कवायड के मकान के आसपास ही घूमने पर पुलिस ने रात को घटनास्थल सीज कर दिया। शनिवार सुबह करीब 100 जवानों की 2 टीमों ने सर्च अभियान चलाया। तब पुलिस को खेत में बिना मंुडेर के कुएं में बच्ची का शव नजर आया। दोपहर को एमबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया।
मौत पर ग्रामीण रह गए अवाक
अक्षरा को मृत देख परिजन की रूलाई फूट पड़ी। शव मिलने की सूचना पर गांव व आसपास के क्षेत्रों से भीड़ मौके पर जुट गई। इस दौरान हर कोई इस सवाल को लेकर उलझन में नजर आया कि नन्हीं सी जान का दुश्मन आखिर कौन हो सकता है? पुलिस ने घटनास्थल के आसपास कई ग्रामीणों से पूछताछ भी की।
शक और जांच के तथ्य
– मकान से कुएं तक मार्ग के बीच में दो खेत हैं। इन खेतों में एक जगह कांटे की बाड़ है, दो जगह 3-3 फीट ऊंची पत्थर की कोट है। वहां बच्ची अकेली जा नहीं सकती है।
– पुलिस का कहना है कि अक्षरा मां-बाप की तीसरी बेटी थी। ऎसे में आशंका है कि किसी निकटतम ने उसकी जान ली हो। इस दृष्टि से भी परिजनों से पूछताछ की जा रही है।
– परिजनों ने जिस दामाद हमेरसिंह पर रंजिश के चलते अपहरण का आरोप लगाया था, उससे उनका 9 माह पहले झगड़ा हुआ था। पुलिस ने उसकी मोबाइल कॉल डिटेल व घटना के समय की लोकेशन का पता लगाया। प्रारंभिक जांच में उसके खिलाफ अपहरण की कोई स्थिति सामने नहीं आई।
– परिजनों का कहना है कि बच्ची सुबह 10 बजे गायब हुई थी जबकि दोपहर 3 बजे उन्होंने बाइक सवार दो लोगों को बच्ची को ले जाते देखा था। इसे पुलिस यह कहकर खारिज कर रही है कि अपहर्ता 5 घंटे तक बच्ची को लेकर क्षेत्र में नहीं घूम सकता।
– जांच में सामने आया कि परिजन का किसी से कोई झगड़ा नहीं था। परिवार इतना धनाढ्य भी नहीं कि मामला फिरौती का हो।
– घटनास्थल के आसपास दोपहर 1.30 बजे तक एक महिला चारा काट रही थी। पास में गैस संयत्र का सायरन बजने के बाद वह खाना खाने घर गई थी और शाम 4 बजे लौट आई थी। पूछताछ में उसने अपहरण या कुएं के आसपास किसी के आने से इनकार किया है। पुलिस का मानना है कि घटना संभवत: दोपहर 1.30 बजे बाद की है। –