शिक्षा मंत्री के विवादास्पद टिप्पणी पर फिर भड़के शिक्षक
उदयपुर | शिक्षामंत्री कालीचरण सराफ द्वारा शिक्षकों को लेकर फिर एक बार की गयी विवादास्पद टिप्पअणी से शिक्षक समुदाय में आक्रोश व्याप्त होगया है |
पेसेफिक यूनिवर्सिटी में शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ कल कुलपति सम्मलेन में भाग लेने के लिए आये थे | जहाँ पर उन्होंने गुरु और शिष्य को लेकर विवादास्पद टिप्पणी कर डाली | कालीचरण सराफ का कहना है की कई शिक्षक और विद्यार्थी साथ में बैठ कर शराब पीते है और पार्टियों में एक साथ बैठ कर नशीली दवाओं का सेवन करते है |
मंत्री द्वारा शिक्षक और छात्रों के बीच की गयी इस टिप्पणी पर शिक्षकों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आक्रोश जताया | शिक्षक नेताओं का कहना है की यदि शिक्षा मंत्री को इतना सब कुछ पता है, तो ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते | शिक्षक नेताओं का यह भी कहना है की राजस्थान सरकार में बैठे ये मंत्री शिक्षा को पूरी तरह निजी हाथों में बेचने पर उतारू है इसीलिए समय समय पर इस तरह से शिक्षकों को बदनाम करने की साजिश रची जारही है | शिक्षकों ने आक्रोश जताते हुए कहा की शिक्षा मंत्री एक तरह से फेल है और अपनी कमियां छुपाने के लिए शिक्षकों पर आरोप पर आरोप मेड जारहे है | जिनकी सच्ची से कोई लेना देना नहीं है | गौरतलब है की इससे पहले भी शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ और पंचायती राज मंत्री गुलाबचंद कटारिया शिक्षकों को लेकर विवादास्पद टिप्पणी करचुके है जिसका राज्य भर में शिक्षकों ने विरोध जताया था | कई शिक्षकों ने तो सरकार को चुनाव में इसका खामियाजा भुगतने कि चेतावनी भी देदी
इनका कहना …………..
इस तरह की टिप्पणी करना मानसिक दिवालिये पन का सबुत है, इन मंत्रियों को मानसिक चिकित्सक परिक्षण की आवश्यकता है | मुख्यमंत्री को चाहिए कि इनके खिलाफ प्रसंज्ञान ले वरना इसका खामियाजा निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में भुगतना पडेगा | बाबूलाल जैन , प्रदेशाध्यक्ष , राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील
ऐसे मंत्रियों ने शिक्षा और शिक्षक को बदनाम करने का ठेका लेरखा है | इस तरह से बदनाम कर यह शिक्षा का भी पूरी तरह से निजीकरण करना चाहते है | इनके इस निजीकरण अभियान के अंतर्गत ही शिक्षकों को बदनाम करने कि साजिश रची जारही है | अगर इन्हे कई कोई ऐसा शिक्षक दिखता है तो कार्रवाई क्यों नहीं करते | शेर सिंह चौहान , जिलाध्यक्ष पंचायती राज शिक्षक संघ |
आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में भी झाँक कर देखलेना चाहिए | शिक्षकों को बदनाम करने कि साजिश है | आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा अगर उन्हें कही कोई गलत दीखता है तो कार्रवाई क्यों नहीं करते | शिक्षक आज भी ईमानदारी से शिक्षण का कार्य कर रहे है | इस तरह के बयान बाजी देकर जो शिक्षक ईमानदारी से काम कर रहे है उनका भी मनोबल गिराया जारहा है | चन्द्र प्रकाश मेहता, जिला महामंत्री , राजस्थान शिक्षक संघ , राष्ट्रीय
इस तरह की घटनाएँ अगर शिक्षा मंत्री कि जानकारी में है तो यह उनके लिए खुद के लिए शर्म कि बात है, कि उन्हें मालूम होते हुए भी ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की फिर तो यह शिक्षा मंत्री कहलाने के लायक ही नहीं क्यों के इनके कार्यकाल में इस तरह की घटनाएँ हो रही है और मंत्री कुछ नहीं कर पारहे | मनघडंत आरोप लगाना इनका पेशा बन गया है जिससे यह सुर्ख़ियों में रहना चाहते है एक तरह से यह फेल शिक्षा मंत्री है | भौम सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ, राष्ट्रीय |
ऐसे निम्नस्तरीय सोच वाले शिक्षामंत्री को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है…
शायद आपने अनर्गल बयानबाजी करने का सोच लिया है या उम्र का तकाजा है………????