वकीलों को फिर मिला ठेंगा। हाईकोर्ट बैंच दूर की कोडी …

Date:

हाईकोर्ट बैंच आंदोलन का दबाव खत्म होते ही बदले सरकार के सुर

IMG_20140825_134005

 

उदयपुर। उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना को लेकर कैबिनेट ब्रीफिंग के बाद सरकार के सुर बदल गए हैं। कल वकीलों के आंदोलन को देखते हुए दबाव में आई मुख्य सेवक वसुंधरा राजे ने वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के लिए बुलाया और विधि मंत्री को कार्रवाई आगे बढ़ाने के निर्देश दिए, लेकिन जब शाम को चिकित्सा सेवक राजेंद्र राठौड़ पत्रकारों को कैबिनेट ब्रीफिंग कर रहे थे, तब एक सवाल के जवाब में श्री राठौड़ ने कहा कि मामला राज्य सरकार के दायरे में नहीं है। इसका निर्णय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय और केंद्र सरकार के हाथ में है। जब उनसे पूछा गया कि क्या राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट को प्रस्ताव भेजेगी तो वे बात को टालते हुए निकल गए।
उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना को लेकर पिछले ३० सालों से आंदोलन चल रहा है। मेवाड़ के नेता जब सत्ता में होते हैं तो आंदोलन को लेकर उनका रूख नरम हो जाता है, जबकि विपक्ष में होते हैं, तो मेवाड़ की आदिवासी जनता और वकीलों का समर्थन पाने के लिए आंदोलन के साथ हो जाते हैं। ऐसे नेताओं में जहां कांग्रेस में डॉ. गिरिजा व्यास और डॉ. सीपी जोशी का नाम आता हैं तो भाजपा में गुलाबचंद कटारिया, कैलाश मेघवाल और शांतिलाल चपलोत का नाम लिया जाता है।
इन नेताओं ने सत्ता में रहते हुए कभी भी आंदोलन को समर्थन नहीं दिया जबकि विपक्ष में होने पर तुरंत समर्थन के लिए आगे आते हैं। अगर ये प्रबल इच्छा शक्ति के साथ सरकार के सामने मेवाड़ की इस मांग को पुरजोर तरीके से रखते तो शायद मांग कब की पूरी हो चुकी होती। ऐसा मेवाड़ की आदिवासी जनता और वकीलों का मानना है।

॥मुख्य सेवक व चिकित्सा सेवक अगर अलग-अलग बात कर रहे हैं तो यह लोग धोखा दे रहे हैं। यह मेवाड़ की जनता के साथ विश्वासघात होगा। सर्किट बैंच देना राज्य सरकार के हाथ में है। इस सारे मामले में स्थानीय विधायक और काबीना सेवक गुलाबचंद कटारिया का कोई रोल नहीं रहा है।
– भरत जोशी, अध्यक्ष उदयपुर बार एसोसिएशन
॥कल हमने मुख्य सेवक से बात की थी। उन्होंने बात ध्यान से सुनी। विधि सेवक से बात करके आगे की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। अगर शाम को चिकित्सा सेवक राजेंद्र राठौड़ बात को टाल रहे हैं तो मुख्य सेवक की बात को टाला जा रहा है। सर्किट बैंच राजस्थान सरकार जब चाहे, तब स्थापित कर सकती है। मेवाड़ के नेता विपक्ष में होते हैं तो हाईकोर्ट बेंच के पक्ष में होते है और सरकार में होते हैं तो इन्हें सांप सूंघ जाता है। कोई नहीं बोलता। चाहे वह गुलाबचंद कटारिया हो या डॉ. सीपी जोशी।
– रमेश नंदवाना, संयोजक, मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति
॥राजस्थान सरकार की सहमति से यहां पर सॢकट बैंच आ सकती है। इसके लिए हमने कल मुख्य सेवक को पूरी विधि सहित जानकारी दी। इस पर उन्होंने कल विधि सेवक से चर्चा करके जयपुर बुलाया है। हां ये जरूर है कि इस मांग को लेकर मेवाड़ के नेताओं में इच्छाशक्ति का अभाव है, लेकिन गुलाबचंद कटारिया हमारे साथ है। वे इस मामले में लगातार सरकार से बात कर रहे थे।
-शांतिलाल पामेचा, वरिष्ठ अधिवक्ता

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Motherless.com Review | LUSTFEL

Motherless.com is among those...

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy chat room

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy...

Benefits of cross dressing dating

Benefits of cross dressing datingThere are many benefits to...