बहुचर्चित थानों से मंथली वसूली मामले में आरोपी नौ थानेदारों को एसीबी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी को भ्रष्टाचार मामलों की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। जहां से न्यायाधीश फूलचंद झांझड़िया ने सभी आरोपियों को आगामी 27 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भिजवा दिया।आरोपी थानेदारों में से चार ने अलग अलग जमानत अर्जी पेश की है, जिन पर गुरुवार को सुनवाई होगी। एसीबी ने आरोपियों के खिलाफ पूरक चार्जशीट पेश की है, जिसे अदालत ने जांच के लिए रखा है।
एसीबी ने प्रकरण में आरोपी निलंबित थानेदार रविंद्र यादव, प्रमोद स्वामी, सुनील विश्नोई, बंशीलाल चाणियां, खान मोहम्मद, हनुमान सिंह, जयपाल सिंह धारणियां, गोपाल लाल हिंडौनिया (जो अब डीवाईएसपी हैं) और कुशालराम चौरड़िया को डेढ़ साल पुराने प्रकरण में गिरफ्तार किया है। ये सभी थानों से मंथली वसूली मामले में नामजद थे। इन पर आरोप है कि ये तत्कालीन एसपी राजेश मीणा और एएसपी लोकेश सोनवाल को दलाल रामदेव ठठेरा के जरिए मंथली वसूली देते थे।
एसीबी की ओर से बुधवार को वकील घनश्याम सिंह सत्तावत और मामले के जांच अधिकारी एडिशनल एसपी अर्जुन सिंह राजपुरोहित ने अदालत में केस डायरी पेश कर बताया कि इन सभी नौ आरोपियों से पूछताछ पूरी हो चुकी है। इसलिए इन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जाए। इस पर अदालत ने सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
तत्कालीन एसपी राजेश मीणा के सरकारी आवास पर दबिश देकर 2 जनवरी 2013 को जब मीणा व दलाल रामदेव ठठेरा को गिरफ्तार किया था, उस समय मीणा व ठठेरा के कब्जे से 2 लाख 5 हजार के अलावा कुछ पर्चियां भी बरामद हुई थीं। इन पर थानों के नाम सहित वसूली गई रकम लिखी थी। इसके अलावा एसीबी ने रामदेव ठठेरा व लोकेश सोनवाल का मोबाइल फोन सर्विलांस पर रखा हुआ था।
फोन रिकार्डिंग और पर्चियों सहित अन्य आधार पर थाना प्रभारियों को नामजद किया गया था। इनमें सिविल लाइंस थाने के सीआई रविंद्र यादव, क्लॉक टॉवर थाना प्रभारी सीआई प्रमोद स्वामी, क्रिश्चियनगंज थाना प्रभारी सुनील विश्नोई, दरगाह थाना प्रभारी सीआई हनुमान सिंह, पुष्कर थाना प्रभारी गोपाल लाल हिडौंनिया, आदर्श नगर थाना प्रभारी खान मोहम्मद, रामगंज थाना प्रभारी कुशाल चौरड़िया, सावर थाना प्रभारी एसआई संजय शर्मा, भिनाय थाना प्रभारी अशोक विश्नोई को नामजद किया था। इनमें से अशोक विश्नोई ने पहले सरेंडर कर दिया था। वह फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश से जमानत पर है। वहीं संजय शर्मा फरार है। बाकी नौ थानेदारों को बुधवार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां से सभी को जेल भेज दिया है। आरोपी निलंबित सीआई सुनील विश्नोई, खान मोहम्मद, जयपाल धारणियां और हनुमान सिंह की ओर से अलग अलग जमानत अर्जी पेश हुई हैं, जिन पर गुरुवार को सुनवाई होगी।
जमानत अर्जी में यह लगाई गुहार
आरोपी थानेदार खान मोहम्मद, सुनील विश्नोई, जयपाल सिंह धारणियां और हनुमान सिंह की ओर से जो अदालत के समक्ष जमानत की अलग-अलग अर्जियां पेश हुई हैं, उनमें जमानत पर रिहाई के लिए कई आधार बताए हैं। मुख्य रूप से आरोपियों का यह कहना है कि एसीबी ने रामदेव ठठेरा से मिली पर्चियों के आधार पर मुल्जिम बना दिया है। जबकि इन पर्चियों पर केवल सुनील 20, आदर्श 15, गंज 15-15 और दरगाह 10 लिखा था। चारों आरोपियों का कहना है कि उन्होंने कभी रामदेव ठठेरा से बातचीत नहीं की और न ही ऐसा कोई रिकार्ड एसीबी ने पेश किया है। केवल एसपी ऑफिस में मोबाइल टॉवर से उनकी लोकेशन व मौजूदगी बताते हुए आरोपी ठहरा दिया है। उनकी ओर से यह भी कहा गया है कि मामले के मुख्य आरोपी निलंबित एसपी राजेश मीणा सहित एएसपी लोकेश सोनवाल, रामदेव ठठेरा, हेमंत जैन और थानेदार अशोक विश्नोई की जमानत मंजूर हो चुकी है। राजकुमार लुधानी को अदालत डिस्चार्ज कर चुकी है। आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया ही कोई सबूत नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए।
ठठेरा रखता था थानेदारों से वसूली का हिसाब किताब
निलंबित एसपी और प्रकरण के मुख्य आरोपी राजेश मीणा और एएसपी लोकेश सोनवाल के लिए थानेदार दलाल रामदेव ठठेरा के जरिये वसूली की रकम पहुंचाते थे। ठठेरा पर्चियां में वसूली का हिसाब-किताब रखता था। एेसी ही पर्चियां उसकी गिरफ्तारी के वक्त बरामद हुई थी। इन पर्चियां में थानों के नाम के साथ वसूली गई रकम का ब्यौरा कुछ इस अंदाज में लिखा था।
सिविल 20 तो दरगाह 10, टावर 20, टीआई 15 और पुष्कर 10 इसी तरह से कई नाम और उसके साथ रकम का हवाला। ये कोई सटोरियों के कोड वर्ड में सट्टे की पर्चियों का हिसाब नहीं, निलंबित एसपी राजेश मीणा और एएसपी लोकेश सोनवाल द्वारा जिले के थानों से बिचौलिए के जरिए की जाने वाली वसूली का हिसाब-किताब है। बिचौलिए रामदेव ठठेरा से मिली पर्चियों में हिसाब-किताब कुछ इसी अंदाज में लिखा हुआ है। इसमें पुलिसकर्मियों के तबादले और उसके एवज में ली जाने वाली रिश्वत का भी हवाला है।
एसीबी ने इसका खुलासा करते हुए रिपोर्ट में बताया है कि पर्चियों में सिविल (सिविल लाइंस थाना) 20, संजय जी 10, भिनायक (भिनाय थाना) 15, सुनील जी 20, खुशाल सिंह 15, आदर्श (आदर्श नगर थाना) 15, दरगाह (दरगाह थाना) 10, टावर (क्लॉक टॉवर थाना) 20, टीआई 15, पुष्कर (पुष्कर थाना) 10, गंज (गंज थाना) 15-15 और 1.62 और उसके नीचे 165 लिखा हुआ है। दूसरी पर्ची पर सिविल 20, संजय 10, भिनायक 15, सुनील 20, खुशाल 20 काटकर 15, आदर्श 15, दरगाह 10, टावर 20, टीआई 15, पुष्कर 10, गंज बाकी और इस पर्ची में नीचे 1 लाख 40 हजार फिर 15 लिखकर 1.25 लिखा हुआ है। पर्ची के पीछे कैलाशचंद पी.एल. से किशनगढ़ (पुलिस लाइन से किशनगढ़ तबादला) लिखा हुआ है। तीसरी सफेद कागज की पर्ची पर टेलीफोन नंबर 0145-2692551 खुशाल सिंह जी सीआई, श्री हेमंत जैन 210/12 रामगंज, गोरधन लाल एचएम नंबर 100 पुष्कर थाना से टी.पी. पुलिस पुष्कर लिखा हुआ है, इसके पीछे 3150 रोकड़ 15 और 3165 लिखा हुआ है।
हथेली पर भी था हिसाब किताब
बिचौलिए रामदेव ठठेरा की हथेली पर भी बॉल पेन से वसूली का हिसाब लिखा हुआ था। एसीबी ने जब उसे गिरफ्तार किया तो इसकी वीडियो रिकार्डिंग भी कराई गई। ठठेरा के बांये हाथ की हथेली पर नीचे पेन से नसीराबाद सदर, आदर्श, गंज 30 लिखा हुआ था। ठठेरा से जब पर्चियों और उसके हाथ पर लिखी गई इबारत के बारे में पूछा गया तो उसने एसीबी अधिकारियों को बताया था कि ये सब थाने-थानेदारों के नाम है जिनसे उसने पैसे लिए हैं।
तीसरी पर्ची एफआर लगवाने के लिए
ठठेरा से जो तीसरी पर्ची मिली थी, उसके बारे में बताया गया है कि यह रामगंज थाना में हेमंत जैन के नाम दर्ज मुकदमा नंबर 210/12 बाबत थी। इसके बारे में ठठेरा को एएसपी लोकेश सोनवाल ने कहा था कि इस मुकदमे में एफआर लगवानी है, इसलिए एसपी साहब से बात कर लेना।
इन धाराओं में पेश की है चार्जशीट
आरोपी थानेदारों के खिलाफ एसीबी ने बुधवार को पूरक चार्जशीट भी पेश कर दी है। अदालत ने इसे जांच रिपोर्ट के लिए रखा है। जांच के लिए 23 जुलाई की पेशी तय की गई है। इसके बाद अदालत आदेश देगी कि चार्जशीट पर अग्रिम कार्रवाई क्या होगी। आरोपी थानेदार कुशालराम चौरड़िया को छोड़कर बाकी आठों पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13(1)(ए), 13(डी) सपठित धारा 13(2), 14 (ए)(बी) के अलावा आईपीसी की धारा 193, 218, 465, 466 और 120 बी शामिल है। चौरड़िया पर इन धाराओं के अलावा आईपीसी की धारा 195 क, 204, 217, 420, 384 और 386 भी लगाई गई है।
जेल जाने का आदेश मिलते ही लगाई सुरक्षा की गुहार
अदालत ने आरोपी थानेदारों को जब जेल भेजने का आदेश दिया तो उन्होंने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए अर्जी पेश कर दी। आरोपियों का कहना है कि अजमेर में विभिन्न थानों में बतौर थाना प्रभारी पदस्थापित रहते हुए उन्होंने कई अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें से कई विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदी के तौर पर सेंट्रल जेल में बंद हैं। इनसे उनको खतरा है। इस पर अदालत ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया जाए कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए । आरोपियों ने जयपुर जेल भेजे जाने की भी गुहार लगाई।
भावुक हुआ एसीबी अधिकारी
थानों से मंथली वसूली मामले में आरोपी क्लॅाक टावर थाने के तत्कालीन सीआई प्रमोद स्वामी को बुधवार को एसीबी की गिरफ्त में देख एसीबी इंस्पेक्टर इस्माइल खान भावुक हो गए। खान प्रमोद स्वामी के कार्यकाल में क्लॅाक टावर थाने में सब इंस्पेक्टर रह चुके हैं। अपने सीनियर को ब्यूरो की गिरफ्त में देख खान भावुक हो गए और उन्होंने स्वामी के गले लगकर उन्हें ढांढस बंधाया।