हमले की जानकारी तत्काल वन विभाग को दें
उदयपुर, उदयपुर संभाग के वन अभ्यारण्यों एवं वन क्षेत्रों में काफी संख्या में पैंथर पाये जाते है। विषम परिस्थितयों के कारण कई बार पैंथर वन क्षेत्रों से निकल कर आबादी क्षेत्र में आ जाते है एवं कई बार अभ्यारण्य के अन्दर या बाहर मनुष्य पर हमला कर जान से भी मार देते है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा जनहानि पर दो लाख एवं पशुहानि पर भी मुआवजा दिया जाता है।
मुख्य वन संरक्षण (वन्य जीव) राहुल भटनागर ने बताया कि पैंथर के हमले से जनहानि होने पर तत्काल निकटतम थाने, रेन्ज एवं नाके पर सूचना दे। इनके द्वारा मौका निरीक्षण करने के पश्चात चिकित्साधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर मुआवजा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि पशुहानि होने की घटना के 48 घण्टों के भीतर सूचना देकर मुआवजा प्राप्त किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि जनहानि होने पर दो लाख रूपये, स्थायी अयोग्य होने पर एक लाख तथा अस्थाई अयोग्य होने पर बीस हजार रूपये तक का मुआवजा निर्धारित है। इसी तरह से भैंस व बैल की हानि होने पर दस हजार, गाय के लिए पांच हजार, भैंस व गाय के बच्चे के लिए दो हजार तथा ऊंट की हानि होने पर दस हजार रूपये तक का मुआवजा दिया जा सकता है। उन्होंने आमजन से अपील की है पैंथर द्वारा जनहानि या पशुहानि करने पर शीघ्र वन विभाग को सूचित करे एवं वन्य जीव को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाये। इन्हें नुकसान पहुंचाने पर वन्य जीव अधिनियम 1972 के तहत दोषियों के विरूद्घ कडी कार्यवाही की जायेगी।
पैंथर से जनहानि पर दो लाख तक का मुआवजा
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