दी उदयपुर महिला अरबन बैंक की बड़ी धोखाधाड़ी उजागर

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दी उदयपुर महिला अरबन कॉपरेटिव बैंक पर धोखाधडी का मुकदमा दर्ज
न्यायालय के नाम पर अवैध वसूली का खेल
16 लाख के लोन के एवज में कूट रचित दस्तावेजों से जब्त कर ली पांच करोड की प्रापर्टी
न्यायालय वसूली अधिकारी के नाम पर जारी नोटिस, फर्जी सील बनाई

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उदयपुर। भविष्य क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी द्वारा सैकडों लोगों के साथ की गई ठगी का मामला अभी शांत हुआ नहीं कि दी उदयपुर महिला अरबन कॉपरेटिव बैंक द्वारा लोन की रकम वसूली के लिए Èर्जी दस्तावेजों की मदद से लोन लेने वाले ग्राहक की करोडों की संपत्ति को अवैध रूप से जब्त करने का मामला प्रकाश में आया है।
मजे की बात यह है कि 14 साल पहले बैंक द्वारा 16 लाख रुपए लोन के रूप में दिए गए थे, जिन्हें ब्याज समेत एक करोड़ 49 लाख 51 हजार 164 रुपए बताकर बैंक ने Èर्जी दस्तावेजों के जरिए ग्राहक की पांच करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। बैंक की अध्यक्ष सविता अजमेरा, सीईओ एसएल अलावत, सीनियर मैनेजर मीनाक्षी नागर, प्राधिकृत अधिकारी एसके चित्तौड़ा एवं एसएनजी एनÈोर्समेंट एजेंसी के खिलाÈ हिरणमगरी सेक्टर 14 निवासी मनोज कुमार अग्रवाल ने एसपी को शिकायत की एवं न्यायालय में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 ए, &84, 448, 147, 504 व 506 के तहत इस्तगासा दायर किया, जिसे दर्ज कर गोवर्धनविलास पुलिस थाने में जांच की जा रही है।
यह है मामला : Èरियादी मनोज अग्रवाल ने बताया कि हिरणमगरी सेक्टर 14 स्थित करधर कॉम्पलैक्स का स्वामित्व उनकी पत्नी राजकुमारी अग्रवाल की डायरेक्टरशिप वाली कंपनी स्वास्तिक बिल्ड मार्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से है और कभी इस संपत्ति को किसी भी वित्तीय संस्थान से ना तो मोर्टगेज कर लोन लिया गया और ना ही कभी कहीं गिरवी रखी है, लेकिन दी उदयपुर महिला अरबन कॉपरेटिव बैंक ने 14 साल पूर्व राजकुमारी अग्रवाल द्वारा हाउसिंग लोन के पेटे लिए गए 16 लाख रुपए की वसूली के लिए कागजातों में भारी हेराÈेरी, मोर्टगेज रजिस्टर में कांट-छांटकर व न्यायालय वसूली अधिकारी के नाम के Èर्जी लेटरहेड व सील बनाकर अवैध वसूली को कानूनी जामा पहनाने का प्रयास किया गया। मनोज अग्रवाल ने बताया कि बैंक ने डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल में भी साल 2006 में उक्त Èर्जी दस्तावेजों के माध्यम से वसूली का प्रयास किया, लेकिन प्रार्थीगण द्वारा उक्त कूटरचित दस्तावेजों की शिकायत करने एवं उन्हें जब्त करने की प्रार्थना करने पर बैंक ने उक्त केस को ही वापस ले लिया। इस पर रिकवरी टिब्यूनल ने बैंक पर जुर्माना लगाया एवं Èर्जी दस्तावेजों की सत्यापित प्रतिलिपियां प्रमाण के तौर पर सुरक्षित रखवाने का आदेश दिया। आठ साल की चुप्पी के बाद बैंक ने पुन: अवैध वसूली का प्रयास करते हुए एडवोकेट सत्यनारायण गुप्ता की एनÈोर्समेंट एजेंसी के माध्यम से प्रॉपर्टी में अनाधिकृत प्रवेशकर जब्ती का नोटिस चस्पा कर दिया। बाद में जब्त करने की सूचना सार्वजनिक कर दी। अग्रवाल द्वारा उक्त एजेंसी के खिलाÈ भी भूपालपुरा थाने एवं बार काउंसिल में शिकायत दर्ज करवाई है। गौरतलब है कि अजमेरा बीते 19 सालों से बैंक की चेयरपर्सन पद पर आसीन हैं एवं पूर्व में भी इनकी कार्यशैली पर सदस्य मंडल द्वारा विरोध किया गया है।
॥बैंक अपना काम कर रही है। बैंक का सारा काम हमारे सीईओ देखते हैं। वे ही इसके बारे में जानकारी देंगे।
-सविता अजमेरा, चेयरपर्सन,
दी उदयपुर महिला अरबन कॉपरेटिव बैंक
॥मामला जांच में हैं। Èरियादी के बयान दर्ज कर लिए हैं। बैंक वालों के बयान बाकी हैं, लेकिन दो दिन से मीटिंग की व्यस्तता बताने की वजह से उनका पक्ष नहीं आया है।
-गोपालसिंह, अनुसंधान अधिकारी, गोवर्धनविलास

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