अवैध केबिन लगवाने पर महापौर की भद्द पिटी

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विपक्ष के साथ ही पक्ष के पार्षद भी कर रहे हैं आलोचना
उदयपुर। सुखाडिय़ा सर्कल पर सफाई अभियान की आड़ में नगर निगम की महापौर द्वारा लगवाए गए अवैध केबिन के मामले मे महापौर, समिति अध्यक्ष और आयुक्त की खूब आलोचना हो रही है। विपक्ष ही नहीं पक्ष के लोग भी दबी जबान में अवैध केबिन रखवाने के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि महीने के आखरी मंगलवार, जब सुखाडिय़ा सर्कल फ़ूड कोर्ट का बाजार बंद रहता है। तब नगर निगम की महापौर रजनी डांगी, आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ, स्वास्थ एवं सफाई समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी, उद्यान समिति अध्यक्ष सत्यनारायण मोची सहित पूरे निगम के जाब्ते को ले जाकर सफाई के बहाने एक अवैध केबिन स्थापित करवाया। सभी अधिकारी और जन प्रतिनिधि दो बजे तक सुखाडिय़ा सर्कल पर थे, जबकि केबिन सुबह सबसे पहले स्थापित कर दिया गया था। फिर भी सब जिम्मेदार जान कर अनजान बन रहे हंै।
अब तक कार्रवाई नहीं : महापौर रजनी डांगी और आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ का कहना था कि अवैध केबिन उनकी जानकारी में नही लगा है, लेकिन अब उनकी जानकारी में यह मामला आ चुका है, तो भी केबिन को हटाने की कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। यह सवाल उत्तर चाहता है।
पक्ष-विपक्ष में भ्रष्टाचार की चर्चा : अवैध केबिन लगाने का मामला प्रकाश मे आते ही महापौर, आयुक्त और समिति अध्यक्ष पर इस मामले में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगना शुरू हो गए हैं। यह बात पक्ष और विपक्ष के कई पार्षद स्वीकार रहे हैं। कई लोग आरोप लगा रहे हंै कि इस मामले में अंडर टेबल लेनदेन हुआ है, क्योंकि जानकारी के अनुसार आज की तारीख में सुखाडिय़ा सर्कल पर एक केबिन को अगर ऑक्शन किया जाए, तो काम से कम 30 से 35 लाख की आमदनी नगर निगम को हो सकती है। सुखाडिय़ा सर्कल पर जिन लोगोंं के केबिन है, उन्होंने बताया कि एक केबिन की कीमत 30 लाख से अधिक है, और जिन लोगों ने मासिक किराये पर केबिन दे रखे हैं। उनका किराया प्रतिमाह 30 से लेकर 50 हज़ार तक वसूला जाता है।
एसीबी में जाने की तैयारी : जानकारी के अनुसार इस मामले को लेकर कुछ लोग एसीबी में जाने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पंचायती राज मंत्री गुलाबचंद कटारिया के विरोधी इस मामले को एसीबी मे ले जाने की तैयारी कर रहे हंै, क्योंकि उन्हें पुख्ता जानकारी है कि केबिन स्थापित करने के मामले में लाखों रुपए की लेन-देन हुई है। बताया जाता है कि जिस भाजपा कार्यकर्ता को यह केबिन का उपहार दिया गया है, वह कटारिया के काफी निकट है।
मैडम ने किया श्रीगणेश : कल दिन में जब मददगार रिपोर्टर केबिन के स्थापित होने की जानकारी लेने पहुंचा, तो आसपास के सभी केबिन वालों ने कहा कि यह केबिन मंगलवार को ही लगाया गया है। नाम ना छापने की शर्त पर व्यापारियों ने बताया कि इस केबिन का श्रीगणेश भी रजनी डांगी, आयुक्त व अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुआ है।
॥मैंने कमिश्नर से बात करके उन्हें कहा है कि यदि उनकी जानकारी में यह मामला नहीं था, तो अब जानकारी में आ गया है। इसलिए अवैध केबिन को हटाया जाए। केबिन मंगलवार सुबह लगाया गया था, जब महापौर और आयुक्त वहां मौजूद थे। इस मामले में भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
-दिनेश श्रीमाली,
नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम

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