लोकसभा चुनाव के दूसरे सबसे बड़े चरण के तहत राजस्थान की शेष बची पांच सीटों पर भी मतदान संपन्न हो गया। इसके तहत लगभग 60 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। हालांकि अंतिम आंकड़े आना अभी बाकी है। सबसे ज्यादा अलवर में 6549 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। जबकि करौली-धौलपुर में सबसे कम 54.26 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर 60.65, दौसा में 61.05 और भरतपुर में 56.77 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई।
इवीएम में खराबी से मतदान में देरी
भरतपुर जिले के वैर क्षेत्र में निठार, फरसो, सरसैना, हलैना व नगर के रूस्तमपुर, जलालपुर, अकबरपुर, नदबई के सुरारी गुर्जर, बयाना के रूदावल ईवीएम में आई तकनीकी खराबी के बाद दूसरी मशीन लगानी पड़ी। वहीं, डीग के बूथ नम्बर 9 पर ईवीएम के बटन को ठीक कराया गया। नदबई विधानसभा क्षेत्र के सुरारी गुर्जर गांव मेे ईवीएम खराब होने के कारण करीब पौने दो घंटे मतदान बाधित रहा, जो पौने नौ बजे चालू हो सका। हिण्डौनसिटी के वर्घमान नगर में सुबह 7 बजे ईवीएम मशीन में खराबी आने से सुबह साढ़े 8 बजे मतदान शुरू हो सका। इस दौरान मतदाताओं ने नाराजगी जताई। वहीं खिजूरी में भी ईवीएम तकनीकी खामी आने से सुबह 8 बजे से मतदान शुरू हो पाया।
कई जगह मतदान का बहिष्कार
भरतपुर जिले के वैर विधानसभा क्षेत्र के धवला का नगला गांव में सड़क निर्माण न होने से नाराज ग्रामीणों ने मतदन का बहिष्कार किया। इसके अलावा नगर तहसील के मुढ़ेरा गांव में विभिन्न मांगों को लेकर ग्रामीण मतदान नहीं करने पर अड़ गए। नदबई विधानसभा क्षेत्र गांव सिरसई व झोरोल गांव में ग्रामीणों ने एक-एक वोट डालने के बाद मतदान का बहिष्कार कर दिया।
वहीं, अरौदा गांव में समझाइश के बाद मतदान शुरू हुआ। दूसरी ओर करौली जिले के मण्डरायल क्षेत्र के चंदेलीपुरा ग्राम पंचायत के मनाखुर गांव के बूथ संख्या 233 के मतदाताओं ने भी समस्याओं को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। पुलिस-प्रशासन की ओर से ग्रामीणों से समझाइश की गई।
इसके अलावा अलवर जिले के रामगढ़ क्षेत्र के झाड़ोली गांव और बहरोड़ क्षेत्र के तसिंग गांव के लोगों ने भी वोटिंग का बहिष्कार किया। तसिंग गांव में केवल एक परिवार ने वोट डाला।
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