उदयपुर. परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो आकोदड़ा बांध का पानी इस मानसून में शहर की झीलों में पहुंच जाएगा। देवास-2 प्रोजेक्ट (मोहनलाल सुखाडिय़ा जल अपवर्तन योजना) के तहत निर्माणाधीन आकोदड़ा बांध का काम इतना हो चुका है कि पानी मेन टनल से झीलों की ओर डायवर्ट किया जा सके। जल संसाधन विभाग इस मानसून को ही लक्ष्य मानकर काम पूरा करने में जुटा है।
जल संसाधन अधिकारियों के मुताबिक आकोदड़ा बांध का पानी 11 किमी लंबी मेन टनल (मुख्य सुरंग) से उदयपुर की झीलों की ओर डायवर्ड करने के लिए समुद्र तल से 632 मीटर तक निर्माण जरूरी है। यह वह बैड लेवल है, जहां तक निर्माण होने के बाद आकोदड़ा का पानी सुरंग से पीछोला की ओर डायवर्ट किया जा सकता है। यह काम हो चुका है। बांध के सात भागों (ब्लॉक) में अब तक करीब 632 मीटर तक निर्माण हो चुका है। यानी इस मानसून में आकोदड़ा बांध का पानी उदयपुर लाने की तैयारी है। दोनों किनारों पर नॉन ओवरफ्लो वाले सेक्शन का लेवल उठाने का काम जोरों पर है। यह अभी करीब 625 मीटर तक ही पहुंचा है।
गौरतलब है कि उदयपुर की झीलों को लबालब करने में 302 एमसीएफटी भराव क्षमता वाले आकोदड़ा बांध का सबसे अहम रोल रहेगा। कुल 85 एमसीएफटी भराव क्षमता वाले मादड़ी डेम का काम पहले ही पूरा हो चुका है।
मुख्य अभियंता ने लिया जायजा
विभाग के मुख्य अभियंता (गुण नियंत्रण) गौरेश गुप्ता ने रविवार को मौका मुआयना कर आकोदड़ा बांध की कार्य प्रगति की जानकारी ली। अतिरिक्त मुख्य अभियंता सुमनेश माथुर ने उन्हें अब तक हुए काम की जानकारी दी। गौरतलब है कि ठेकेदार के छोड़कर चले जाने से आकोदड़ा का काम पूरा नहीं हो सका। विभाग को अधूरा काम पूरा करवाने नए सिरे से टेंडर करना पड़ा। नए ठेकेदार को काम पूरा करने के लिए दिसंबर 2014 तक का समय दिया गया है।