यह जोधपुर शहर का संभवत: पहला मामला है जिसमें एक युवक ने खुद को लड़की की तरह जीने का सोचा और परिवार व रिश्तेदारों की मर्जी नहीं होने के बावजूद अपनी इच्छा पूरी की। सत्यजीत सिंह की उम्र अभी 25 साल है। उसे बचपन से यही लगता था कि वह लड़की है। उसके शौक भी ऐसे ही थे। दो साल पहले उसने दिल्ली के एक अस्पताल में लिंग परिवर्तन करवाया। फिर हार्मोन ट्रीटमेंट लिया और अब चेहरा बदलते ही नाम रख लिया ख्वाहिश उर्फ हनी। मुंबई में एयर होस्टेस की टे्रनिंग ले रही ख्वाहिश अब अपनी नई पहचान को कानूनी रूप से साबित करने की कोशिश कर रही है।
घरवालों ने समझाया भी डॉक्टर ने काउंसलिंग भी की, लेकिन नहीं माना सत्यजीत ‘ख्वाहिश’ बनकर ही घर लौटा
मधुबन हाउसिंग बोर्ड निवासी सत्यजीत सिंह (25) ने 10वीं तक सेंट एंस स्कूल में पढ़ाई की। किशोर अवस्था में पहुंचने पर उसे लगा कि वह लड़कियों की तरह ही व्यवहार करता है। वह जयपुर पहुंच गया और ब्यूटी पार्लर में काम करने लगा। खुद की कमाई से अपना सपना पूरा करने की सोची। उसे एयर होस्टेस बनना था। इस बीच उसके संपर्क मुंबई में हो गए। वहां भी काम किया और पता चला कि दिल्ली के एक अस्पताल में ट्रीटमेंट से उसका सपना पूरा हो सकता है। खुद के दम पर करीब साढ़े छह लाख रुपए जुटा कर उसने 2012 में लिंग परिवर्तन करवाया। यह बात परिजनों को पता चली तो उन्होंने भी समझाया। दिल्ली अस्पताल के डॉक्टर ने भी उसको कई दिन तक काउंसलिंग के लिए बुलाया।
डॉक्टर चाहते थे कि इस तरह का बदलाव करने से पहले उसे पूरी तरह परखा जाए। जब डॉक्टर भी आश्वस्त हो गए कि सत्यजीत में कहीं न कहीं लड़की जैसे गुण हैं तो वे इलाज के लिए सहमत हुए। तीन माह पहले हार्मोन ट्रीटमेंट व विशेष तरह की सर्जरी करने के बाद अब उसे नया चेहरा मिल गया तो उसने अपनी इस पहचान को नए नाम से साबित करने के लिए जोधपुर में नाम परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू कर दी।
उसने खुद चुनी जिंदगी : माता-पिता
सत्यजीत के पिता दलपत सिंह और मां शकुंतला ने बताया कि तीन भाइयों में सत्यजीत सबसे छोटा है। बचपन से ही वह डांस कार्यक्रमों में लड़कियों की डे्रस पहनकर शामिल होता था तो खाना बनाने और शादी समारोह में अच्छी तरह तैयार होकर जाना उसे अच्छा लगता था। दोनों भाई उसके इस व्यवहार से नाराज रहते थे। उसने बाल बढ़ाए तब भी भाइयों ने टोका था।
हीरोइन बनने का भी सपना
सत्यजीत से ख्वाहिश बनने के बारे में उसने बताया कि जयपुर से दिल्ली पहुंचकर उसने अपनी पहचान बदलने के बारे में सबसे पहले माता-पिता को ही बताया। पहले तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की, लेकिन अब सब कुछ ठीक हो गया है। एवलोन एकेडमी में एडमिशन लेकर एयर होस्टेस की ट्रेनिंग शुरू कर दी। अब मॉडलिंग के साथ फिल्मों व टीवी में भी काम करने की दिशा में आगे बढ़ रहीं हूं।
इंटरनेशनल प्रोटोकॉल के तहत होते हैं ऐसे बदलाव
सत्यजीत को लड़के से लड़की बनाने के लिए सर्जरी करने वाले सीताराम हॉस्पिटल के डॉक्टर एस.वी. कोटवाल का कहना है कि इस तरह के ऑपरेशन इंटरनेशनल प्रोटोकॉल के तहत होते हैं। सत्यजीत का हार्मोन ट्रीटमेंट के बाद सर्जरी की गई। यह जेंडर आइडेंटी डिसऑर्डर को ठीक करना है जिसमें डेढ़ से दो साल लगते हैं। इसके पहले जेंडर चेंज करवाने वाले व्यक्ति का गहन मानसिक परीक्षण किया जाता है।
Larka se larke banana he