उदयपुर , भीलो का बेदला प्रतापपुरा स्थित पेर्सििफक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आज एक दुर्लभ आपरेशन को अंजाम दिया। दरअसल हम बात कर रहें मंगलवाड चौराहा निवासी संषोश कुमारी की। संषोश एक अजीबो गरीब बीमारी कंधे की विकलागंता से ग्रस्त थी। इस तरह की बीमारी लगभग 10 लाख बच्चों में एक के होती हैं। स्प्रेंजल डिफोरमिटी के नाम से जाने वाली इस बीमारी में मरीज का कंधा,गले की हड्डी से चिपका रहता हैं।इस वजह से कंधे व गर्दन का हिलना डुलना रूक जाता है।कपडे पहनना मुशकिल हो जाता हैं एवं कंधे का रूप हास्यापद हो जाता हैं। 15 बर्ष से दर-दर भटकने के बाद संषोश का अब पेर्सििफक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल में निःशुल्क सफल ऑपरेशन हो चुका हैं। इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया पीएमसीएच के अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सर्जन डॉ. सालेह मोहम्मद कागजी एवं उनकी टीम ने। जिन्होने एक के बाद एक आगे एवं पीछ से दो ऑपरेशन किए गए जिसमे पहले कंधे की हड्डी को गले की हड्डी सर्वाइकल वर्टि्का से काटकर अलग किया गया। कंधे की आगे की हड्डी को भी जगह-जगह से काट कर व्यवस्थित रूप दिया गया। ऑपरेशन के बाद संषोश कुमारी अब अन्य सामान्य इंसान की तरह दिख रही हैं। कपडे पहनना अब आसान हो गया हैं एवं उसका आत्मविश्वास पुःन लौट आया हैं।
डॉ. सालेह मोहम्मद कागजी
विभागाध्यक्ष एवं सर्जन अस्थि रोग विभाग।
इस तरह के जटिल ऑपरेशन एम्स जैसे हॉस्पीटल में ही संभव है और इसका खर्चा भी बहुत आता हैं लेकिन विश्वस्तरीय सुविधाओ से युक्त उदयपुर के पेर्सििफक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल में अब इस तरह के जटिल ऑपरेशन की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध हैं।
संतोश कुमारी-जब मेरे माता-पिता को मेरी बीमारी के सही होने का पता चला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उनको खुषी हैं की अब मेरे विवाह में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
डॉ. एस एस सुराणा
प्रिसिंपल एवं नियत्रंक
पेर्सििफक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल