उदयपुर। यहां सिटी पैलेस में आयोजित द्वितीय विश्व जीवंत विरासत महोत्सव – 2014 के तहत दूसरे दिन शुक्रवार शाम को जनाना महल में संगीतकारा मनीषा अग्रवाल, राजस्थानी एवं हिन्दी गाने प्रस्तुत किए। भारतीय लोक संगीत में माहिर मालिनी अवस्थी अपने साथ सात नृतकों एवं सात संगीतकारों के साथ प्रस्तुति दी।
शुक्रवार शाम को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में संगीतकारा मनीषा अग्रवाल ने अपने राजस्थानी एवं हिन्दी गीतों की मधुर श्रृंखला पेश की। उन्होंने पग बांध में घुंघरू आज में नाचूंगी, मेरे श्याम तू मेरा घनश्याम तू, तू ही मेरा कृष्ण मनमोहना, प्रिया तोसे नैना लागे रे और आज ब्रिज में होरी रे रसिया जैसी मनमोहक प्रस्तुतियां पेश की। समारोह से पूर्व भारत में आस्ट्रिया के राजदूत हिज एक्सीलैंसी बनार्ड व्रेब्ज़ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
इसके पश्चात लोक कला संगीत में माहिर मालिनी अवस्थी ने बनारस, अवध के पारंपरिक दादरा, सौहार्द, बन्ना, झोला, कजरी, होली, चेती, विवाह, दुभैया एवं निर्गुण संगीत के साथ अपने सात वाद्य यंत्रों कलाकारों के साथ सात नृतकों का अद्भुगत समागम पेश किया। उन्होंने बनारस घराने की ठुमरी पेश कर खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत में आस्ट्रिया के राजदूत हिज एक्सीलैंसी बनार्ड व्रेब्ज़ थे। कार्यक्रम में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़, ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ सहित आमंत्रित अतिथि उपस्थित थे। अंत में सभी कलाकारों को सरोपाव भेंट कर सम्मानित किया गया।
मनीषा का गायन, मालिनी की थिरकन खूब जमी
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