आचार संहिता लगते ही अधिकारी रटने लगे यह जुमला
उदयपुर। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई हैं। इसके बाद विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी और अधिकारी आम जनता की जरूरतों से जुड़े काम अटका रहे हैं। दफ्तरों में इन दिनों जुमला चल पड़ा है ‘आचार संहिता लगी हुई हैं, चुनाव के बाद काम होगा।ञ्ज ऐसे में जनता से सीधे जुड़े दफ्तरों में आम आदमी परेशान है। क्रमददगारञ्ज ने जब आचार संहिता का असर किन कामों पर पड़ता है इसकी पड़ताल की, तो सामने आया कि बुनियादी जरूरत से जुड़ा कोई भी कार्य नहीं रोका जा सकता। साथ ही आचार संहिता के दौरान शहर में चल रहे विकास के बड़े प्रोजेक्ट, सड़क की मरम्मत और पैचवर्क जैसे काम पर कोई फर्क नहीं पड़ता। सफाई, रोड लाइट व्यवस्था और पानी जैसी जरूरतें, तो किसी भी स्थिति में प्रभावित नहीं होगी।
यह काम होंगे : 300 वर्ग के नीचे भवन निर्माण की इजाजत, नामांतरण, बेचान अनुमति और लीज मुक्ति प्रमाण पत्र जारी होंगे। सड़क, सीवरेज, नाली व नाला सहित अन्य तरह के विकास कार्यों के लिए, जो टेंडर आचार संहिता के पहले लग चुके हैं, उनकी प्रक्रिया जारी रहेगी और वर्कऑर्डर आचार संहिता हटने के बाद ही जारी होंगे। सभी तरह के प्रमाण पत्र भी बनेंगे, सफाई, रोड लाइट और पानी से संबंधित काम भी नहीं रुकेंगे। भवन निर्माण इजाजत, लीज डीड, लीज मुक्ति प्रमाण पत्र, बेचान स्वीकृति, नामांतरण के काम से कोई इनकार नहीं कर सकता है। शहर में चल रहे बड़े प्रोजेक्ट भी रोक नहीं सकेंगे। सीवरेज, नाली, नाला, सड़क का चौड़ा करने के काम जो शुरू हो चुके हैं, उनको नहीं रोका जाएगा।
ये काम नहीं होंगे : नगर निगम की तमाम कमेटियों की बैठक, एम्पावर्ड कमेटी की बैठक व उनके द्वारा लिए गए फैसले, किसी भी प्रकार के पट्टे, शिलान्यास व उद्घाटन नहीं हो पाएंगे। 300 वर्ग गज के ऊपर के मकानों के निर्माण की इजाजत व भू-उपयोग परिवर्तन नहीं हो पाएगा। एम्पावर्ड कमेटी, नगर निगम, जिला परिषद् की बैठक महापौर, जिला प्रमुख व अन्य जनप्रतिनिधि सदस्य होने के कारण नहीं हो सकेगी। इसके अलावा नए विकास कार्यों की घोषणा व टेंडर जारी नहीं कर पाएंगे। नई नीलामी भी नहीं कर पाएगा। इसके अलावा वृद्धावस्था व विधवा पेंशन के नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे और न ही नए पीपीओ जारी हो सकेंगे।
‘…अब तो चुनाव के बाद होगा कामÓ
Date: