उदयपुर. सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के पेंशनर्स ने बारह दिन से चल रहा धरना शुक्रवार को समाप्त कर दिया। इसके साथ महिला प्रोफेसर ने भी अनशन तोड़ दिया। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गुलाबचंद कटारिया के बुलावे पर एक दल जयपुर जाकर मुद्दे पर चर्चा करेगा। विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल रही है। इसको लेकर परिसर में धरना दिया जा रहा था। सेवानिवृत्त प्रो. हेमलता बोल्या आमरण अनशन पर थी। कटारिया के बुलावे के बाद कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भरत व्यास ने धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी। व्यास ने बताया कि आठ सदस्यीय दल का गठन किया जाएगा, जो जयपुर जाकर कटारिया के नेतृत्व में वित्त सचिव से चर्चा करेगा।
फंड मिले तो नहीं बदलने पड़ेंगे नियम : कर्मचारी
पेंशनर्स कर्मचारियों का मानना है कि मुद्दे का स्थाई समाधान फंडिंग पर अटका हुआ है। राज्य सरकार से पचास प्रतिशत फंडिंग होती है तो आजीवन पेंशन प्रकरण का स्थाई समाधान हो जाएगा। इसमें कोई अध्यादेश या नियम परिवर्तन की भी जरूरत नहीं होगी। आंदोलनरत कर्मचारियों ने बताया कि मामला अन्य विश्वविद्यालय से संबंधित कर्मचारियों का था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुविवि को शामिल नहीं किया था। बावजूद इसके राज्य सरकार ने इसे जबरन सुविवि पेंशनर्स पर भी थोप दिया था।
हम भी चाहते हैं निदान
॥सुविवि के पेंशनधारियों को जयपुर बुलाया है। वित्त सचिव से चर्चा के बाद इस मामले का समाधान संभव है। हम खुद चाहते हैं कि जल्दी इन लोगों की समस्या का समाधान हो जाए।
गुलाबचंद कटारिया, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री
मामला पूरे प्रदेश का है
॥यह मामला पूरे प्रदेश का है। समस्या फंडिंग की है। पहले भी इस संबंध में चर्चा हुई थी। सरकार सकारात्मक हल निकालना चाहती है। -कालीचरण सर्राफ, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री
॥धरने और अनशन का कोई विशेष प्रभाव नहीं आया है। कटारिया के बुलावे पर धरना समाप्त करने का निर्णय लिया है। वार्ता जयपुर में वित्त सचिव के सामने होगी। -भरत व्यास, अध्यक्ष, शैक्षणेत्तर कर्मचारी महासंघ, सुविवि