उदयपुर। शहर में भिखारियों और भीख मांगने के लिए प्रेरित करने वालों पर जिला प्रसाशन और पुलिस प्रसाशन ने कमर कास ली है। अगर भीख मांगने के लिए प्रेरित करने वालों पर पुलिस सख्त कारवाई करेगी वही भिखारियों को पाबंद कर उन्हें काम काज के लिए प्रेरित करेगी।
जिला कलेक्टर आशुतोष पढ़नेकार ने बताया कि उदयपुर शहर झीलों और पर्यटकन की सुन्दर नगरी है जहाँ भिखारीयों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है । पिछले कई समय से भिखारियों की बढ़ती संक्या और पर्यटकों व् शहर वासियों के भिखारियों से परेशां होने की शिकायते आरही थी जिसपर अंकुश लगाने के लिए एक अभियान चलाया जारहा है जिसमे भीख का रेकेट चलने वालों के लिए पुलिस को निर्देशित किया है कि कड़ी से कड़ी कारवाई करे और भिखारियों को व्यवसायिक कार्य सिखा कर उन्हें शिक्षित किया जाएगा और दुबारा भीख नहीं मांगने के लिए पाबंद किया जाएगा। उन्होंने बताया की भीख मांगने के लिए बढ़ावा देने वाले तिन ऐसे लोगों को चिन्हित किया है जो बच्चों और बढ़ो को भीख के लिए प्रेरित करते है, और शनिवार व् अन्य दिनों में शनि महाराज व् अन्य देवी देवताओं की मूर्ति को पांच रुपया किराय पर देते है। उनके खिलाफ पुलिस को निर्देशित किया कि कड़ी से कड़ी कारवाई करे ।
१६१ भिखारियों को किया चिन्हित :
शहर में शनिवार के दिन शनि महाराज की मूर्ति किराय पर लेकर बच्चों और महिला भिखारियों की एक बाढ़ सी आ जाती है। जिनकी वजह से पर्यटकों और शहर वासियों को परेशानी होती है। जिला कलेक्टर ने बताया कि बच्चे और बड़े मिलाकर शहर में १६१ भिखारियों को चिन्हित किया है । जिनके खिलाफ कारवाई की जायेगी । जिला कलेक्टर ने बताया कि भीख मांगने वालों पर सख्त कारवाई नहीं कर उन्हें पाबंद किया जाएगा तथा उन्हें काम सिखा कर नोकरी पर लगाया जाएगा । मोबाईल रिपेरिन , बागवानी , ड्राइविंग सहित और भी कई काम है जो भिखारियों को सिखाये जायेगे । इसके लिए बाल विकास और महिला विकास समिति का सहयोग लिया जारहा है। जिला कलेक्टर ने बताया कि अभी तक ९ भिखारियों ने भीख का काम छोड़ कर काम सिख कर कमाने का मन बनाते हुए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।
झीलों की नगरी को भिखारियों से मुक्त कराएगा जिला प्रशासन
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