उदयपुर. आरएनटी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में संविदा नर्सेज ने मंगलवार को खून से लिखा मांग पत्र सीएम के नाम भेजा। धरना स्थल पर दस लोग क्रमिक अनशन पर बैठे। हड़ताल के पांचवें दिन नियमित करने की मांग के लिए धरने पर बैठे नर्सेज ने खून से पत्र लिखा। इसमें संविदाकर्मियों की व्यथा बताते हुए नियमित करने की मांग दोहराई। यह पत्र डाक से मुख्यमंत्री को भेजा गया है। आमजन के समर्थन के लिए प्रदर्शन स्थल पर कठपुतली के सहारे मरीज की व्यथा को उजागर किया।
उधर, हड़ताल से अस्पताल के हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं। अव्यवस्थाएं पहले वार्डों तक सीमित थीं, लेकिन अब असर आईसीयू में भी पडऩे लगा है। कम स्टाफ के चलते मरीजों की पर्याप्त देखभाल नहीं हो पा रही है। मंगलवार को कुछ इंचार्ज ने परेशान होकर बैड कम करने के लिए पत्र लिखा लेकिन अधीक्षक के नहीं होने से इस पर अमल नहीं हो सका। हड़ताल जारी रहने की स्थिति में आने वाले दिनों में आईसीयू में बैड कम किए जा सकते हैं। नर्सिंगकर्मी अपनी मांग को लेकर खून से मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए।
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन अध्यक्ष हेमंत आमेटा ने बताया कि स्थायी नर्सेज ने मंगलवार को भी काली पट्टी बांधकर कार्य कर संविदा कर्मी की मांग को समर्थन किया। हड़ताल के दौरान मंगलवार को नर्सरी के दस कर्मचारी अनशन पर रहे। चंदा गहलोत, बंशीलाल रेगर, पुरुषोत्तम गर्ग, अजय सेन, आनंद कुर्डिया, भूपेंद्र पांडेय, पुष्पा बडारिया, मीना पंजाबी, केसर रेगर, कंचन सिंघल, एनआरएचएम के मीनू सालवी अनशन पर रहे । कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो वे आमरण अनशन करेंगे। इधर, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के लैब टेक्नीशियन भी मंगलवार को क्रमिक अनशन पर बैठे। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सामने धरने पर बैठे कर्मचारियों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।