बिना मीटर के चल रहे हैं ऑटो रिक्शा, पुलिस और परिवहन विभाग ने मूंदी आंखें
॥ १९९२ में आखिरी बार मीटर के अनुसार चले थे ऑटो
उदयपुर। पर्यटन के लिए मशहूर झीलों की नगरी क्रलेकसिटीञ्ज में ऑटो रिक्शा चालकों ने खूली लूट मचा रखी है। ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की अनदेखी के चलते यहां मीटर के बगैर ही ऑटो रिक्शा चल रहे हैं, जो शहरवासियों के साथ ही मनमाना किराया वसूल रहे हैं। दोनों ही विभागों ने ऑटो चालकों को मनमाना किराया वसूलने की छूट दे रखी है। इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि शहर में एक भी ऑटो पर मीटर नहीं लगा हुआ है।
यात्रियों को किराये की कोई जानकारी नहीं : ऑटो रिक्शा ने कितनी दूरी तय की और कितना किराया बना। यह जानकारी यात्री को मीटर से ही मिलती है, लेकिन यहां पर ऑटो रिक्शा पर मीटर ही नहीं है। इस कारण यात्रियों को किराये का पता ही नहीं चल पाता है। ऐसी स्थिति में ऑटो चालकों द्वारा मांगा जाने वाला किराया यात्रियों को देना पड़ता है। एक जानकारी के अनुसार उदयपुर में अंतिम बार 1992 में ऑटो रिक्शा में मीटर के अनुसार किराया वसूल किया गया था। इसके बाद परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस सुस्त पड़ गई, तब से ऑटो चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। परिवहन विभाग के अनुसार उन्होंने किराया सूची जारी कर रखी है, लेकिन यह किराया सूची कहां और किसके पास है? इसकी पालना कौन कराएगा? इन सवालों का जवाब परिवहन विभाग के अधिकारियों के पास भी नहीं है। सिर्फ रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर ही प्री पेड किराया सूची लगी हुई है। उसकी पालना भी कभी होती है, तो कभी नहीं होती है।
शहर में मची है लूट
शहर में ऑटो रिक्शा चालकों ने मनमर्जी से लूट मचा रखी है। उदियापोल बस स्टैंड से देहली गेट की दूरी मात्र एक किलोमीटर है, जिसका किराया नियम के हिसाब से 15 रुपए होता है, लेकिन ऑटो वाले 40-50 रुपए वसूलते हंै। हाथीपोल की दूरी डेढ़ किलोमीटर है, जिसका किराया 50 -60 रुपए। अगर हिरनमगरी, मल्लातलाई या प्रतापनगर जैसे एरिया में जाना है, तो वहां के लिए सौ रुपए से डेढ़ सौ रुपए किराया वसूल लेते हैं। जबकि इन सभी इलाकों का किराया नियमानुसार 50 से 70 रुपए तक ही होता है।
किराया सूची कही भी नहीं : शहर में किसी भी पर्यटन केंद्र या पर्यटक पुलिस केंद्र या किसी ऑटों चालक के पास परिवहन विभाग की जारी की हुई किराया सूची उपलब्ध नहीं है। परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि हमने किराया सूची जारी कर दी है। पूछने पर कि कहां मिलेगी, तो जवाब आया कि हमारी वेबसाइट पर देख लीजिए। यात्रियों के लिए कहां उपलब्ध होगी ये उनको खुद भी पता नहीं। यातायात पुलिस के अधिकारियों ने कभी किराया को लेकर कोई कारवाई नहीं की। उनका कहना है कि हमारे पास शिकायत आएगी, तो जरूर कारवाई करेंगे।
परिवहन विभाग के नियम : मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 67 के अंतर्गत राज्य सरकार ने किराया भाड़ा में दरें संशोधित करते हुए जुलाई, 2013 को नई दरें घोषित की थी, जो पूरे राज्य में मीटर के हिसाब से तय थी, जिसमें। प्रथम एक किलोमीटर के लिए न्यूनतम दर 15 रुपए और बाद के प्रत्येक किलोमीटर की दर नौ रुपए प्रति के हिसाब से तय है। परिवहन विभाग भी अपनी वेबसाइट पर किराया सूची डाल कर भूल गया है, लेकिन इस किराये के हिसाब से उदयपुर शहर में कभी किराया नहीं वसूला गया।
॥मीटर की कभी सख्ती से पालना नहीं करवाई, लेकिन हमने सभी जगह और दूरी के हिसाब से किराया सूची जारी कर रखी है, जो पुलिस व अन्य जगह दे रखी है। हमारी वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। अगर आप बता रहे हैं कि ज्यादा किराया वसूलते हैं, तो हम जरूर कारवाई करेंगे।
-मन्नालाल,
अतिरिक्त यातायात अधिकारी
ऑटो चालकों की लूट
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