राज विद्यापीठ में 2 दिवसीय रास्ट्रीय कार्यशाला

Date:

IMG_0040महिलाओ की स्थितियाँ सुधरी हैं। पंचायती राज से – प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत
मुख्यधारा में जेंडर समस्याएं एवं संभावनाएं विषय पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला
जेंडर मुख्य धारा के लिए वैचारिक बदलाव की आवश्यकताः- प्रो. आर.आर.सिंह
वर्तमान परीप्रेक्ष्य में यदि हम मुख्यधारा में जेंडर की बात करते हैं तो इसके लिए हमें भारतीय समाज में महिलाओं को पुरूषों के बराबर अनुभवों के आधार पर प्रारूप निर्माण क्रियान्वयन देख-रेख तथा मूल्यांकन के सभी क्षेत्रों में जिसमें सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनैतिक तथा प्राकृतिक रूप से पुरूषों के बराबर समान अधिकार देना पड़ेगा साथ ही इतना काफी नहीं होगा जब तक हम भारतीय समाज में महिलाओं को नागरिक नहीं मानेगें तब तक सामाजिक बदलाव नहीं आ सकता। इसके लिए हमें भागीरथ प्रयास करने होगें। यह कहना था- टाटा इस्ट्ीटयुट ऑफ सोशल साइंस, मुम्बई के पूर्व निदेशक प्रो. आर.आर. सिंह का अवसर था जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क तथा भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को प्रतापनगर स्थित आई.टी. सभागार में दो दिवसीय मुख्यधारा में जेंडर समस्याएं एवं संभावनाएं विषय पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का।
IMG_0030राष्ट्रीय कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रो. के.के.सिंह ने कहा कि महिलाओं का पुरूषों के बराबर भारतीय समाज में बराबरी का दर्जा देने हेतु हमे आदिवासी क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण का कार्य करना पड़ेगा। हमें जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में महिलाएं जो एक लम्बे समय से सशक्त नहीं है। इन क्षेत्रों में साक्षर तथा महिला सशक्तिकरण के लिए अनुसंधान कर विकास व शिक्षा रोजगार से सबंधित वांछित सहयोग करना पड़ेगा। साथ ही शोध कार्य करके जनजाति क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण के लिए भरपूर प्रयास करने होंगें। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं ने महिलाओ को जमीनी स्तर की राजनीति से जोड़ने का प्रयास किया हैं। इसके पहले ग्रामीण महिलाएं केवल घर के चौके, चुल्हें व कृषि तक ही सीमित थी। पर वे अब ग्रामीण विकास का कार्य कर रही हैं। महिलाओं को पहले 33 प्रतिशत आरक्षण था अब 50 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त हैं। महिलाओं को समाज में और अधिक उच्च दर्जा देने हेतु कई सरकारी योजनाओं में महत्वपूर्ण नीतियां बनी हैं। विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्य प्रो. के.के. जैकब ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान में महिलाओं की सुरक्षा तथा विकास हेतु विशेष प्रावधान रखें किन्तु विकास के प्रारूप में उनका यह स्वप्न पूरा नहीं हो रहा हैं। कार्यशाला में धन्यवाद डॉ. वीणा द्विवेदी ने दिया। सीता गुर्जर, डॉ. लाला राम जाट, डॉ.सुनील चौधरी, डॉ. नवल सिंह ने भी पत्राचार किया।
कार्यशाला के प्रथम दिन दो तकनीकी सत्रों में 37 पत्र वाचन हुए।

पुस्तक का विमोचन

राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रो. आर.बी.एस. वर्मा, डॉ. वीणा द्विवेदी, सीता गुर्जर द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन अतिथियों ने किया।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

1xbet Зеркало рабочее 1хбет Вход и Личный Кабинет Сайта

"официальный Сайт, Регистрация только Вход В Зеркало 1хбетContentвывод ДенегРегистрация...

A Mais Interessante Plataforma De Apostas E Casino Online

Mostbet Cz Casino Oficiální Stránky Přihlášení A Sázky Online"ContentMostbets...

Official Site

"A Melhor Plataforma Sobre Apostas E Gambling Establishment OnlineContentVersão...

Mostbet Brasil: Site Estatal, Inscrição, Bônus Fifteen 000r$ Entrar

Mostbet País Brasileiro ⭐️cassino Online & Apostas Esportivas Web-site...