गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य मे फतह सागर की पाल पर नाट्यांश के द्वारा एक नुक्कड़ नाटक ‘‘परेड़ थम’’ का मंचन किया गया। यह नाटक भारतीय संविधान में बताये गये आम आदमियों के राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों पर आधारित था।
आज हम अपने हक और अधिकारों के बारे में तो हमेशा लडतें है, आवाज़ उठाते है, पर क्या कभी हम अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों के बारे में सोचते है और क्या हम ये जानते भी है कि भारतवर्ष के संविधान हमारे क्या क्या कर्तव्य बताये गये है? शायद नही।
भारतीय संविधान में आम आदमी के लिये ग्यारह कर्तव्यों का उल्लेख है जिनका पालन वर्तमान में कोई नही करता, यहा तक की 26 जनवरी हमारे देश में एक राष्ट्रिय अवकाश, ड्राय डे और स्कुलो में सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक ही सीमित रह गयी है।
नाट्यांश द्वारा निर्देशित नुक्कड़ नाटक के कलाकारों में प्रतिक पटेल, हिरांश देवपुरा, उदय सिंह राव, निखिलेश खत्री, विशाल राज वैष्णव, रेखा सिसोदिया, अमित श्रीमाली, मोहम्मद रिजवान मंसुरी एवं अश्फाक़ नूर खान पठान ने अपने अभिनय की छाप छोडी। इस नाटक का लेखन अश्फाक़ नूर खान पठान ने किया।
कर्त्तव्यों को याद दिलाता ‘‘परेड़ थम’’
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