विश्व स्वास्थ्य संगठन सोमवार को भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर देगा। पोलियो के विरूद्ध घर-घर तक चलाया गया अभियान सफल हो गया है। यह देश के लिए बड़ी खुशखबरी है कि पिछले तीन वर्ष से भारत में पोलियो की एक भी नई शिकायत सामने नहीं आई है। भारत के पोलियो मुक्त घोषित होने के बावजूद उसके खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
पिछले वर्ष से ही संभावना थी कि भारत पोलियो मुक्त देश घोषित होने की दिशा में बढ़ रहा है। जब किसी देश में तीन साल तक पोलियो का कोई नया मामला नहीं आता है, तो उसे पोलियो मुक्त घोषित किया जा सकता है। वैसे दुनिया में कुछ देश ऎसे भी हैं, जो पहले पोलियो मुक्त घोषित हुए थे, लेकिन जब वहां लापरवाही बरती गई, तो पोलियो के विषाणु लौट आए।
खास बात यह है कि भारत पोलियो के पुनर्सक्रमण को रोकने के लिए पहले ही ठोस उपाय कर चुका है। वर्ष 2011 के बाद से पांच साल से कम आयु के जो बच्चे पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और भूटान के रास्ते भारत आ रहे हैं, उन्हें सीमा पर स्थित 102 चौकियों पर पोलियो ड्रॉप पिलाकर ही प्रवेश दिया जा रहा है। 30 जनवरी के बाद पाकिस्तान से जो भी भारत आएगा, उसे पोलियो ड्रॉप या टीका लगे होने का प्रमाणपत्र देना पड़ेगा। हालांकि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि ऎसे परिवार हैं, जिन पर जागरूकता अभियानों का असर नहीं हुआ है और जो पोलियो ड्रॉप लेने से अभी भी इनकार कर देते हैं।
पिछली शिकायत
13 जनवरी 2011 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा के पांचला ब्लॉक में पोलियो की अंतिम शिकायत दर्ज की गई थी। तब दो वर्षीय बच्ची में पोलियो के लक्षण देखे गए थे। भारत की स्थिति पहले बहुत खराब थी। वर्ष 1985 में भारत में 15000 पोलियो मामले उजागर हुए थे।
पिछले साल पोलियो : वर्ष 2013 कुल शिकायत 372
सोमालिया 183, पाकिस्तान 85, नाइजीरिया 51, अफगानिस्तान 12
इसके अलावा सीरिया, कैमरून, इथियोपिया, कीनिया में भी पोलियो की शिकायत दर्ज की गई।
पोलियो मुक्त, लेकिन लौट आई बीमारी
सोमालिया वर्ष 2007 में पोलियो मुक्त घोषित हुआ था। वहीं सीरिया, कैमरून, इथियोपिया, कीनिया भी 2012 में पोलियो मुक्त घोषित हुए थे। वर्ष 2000 के बाद ऎसे 49 देश हैं, जो पोलियो मुक्त घोषित हुए थे, लेकिन वहां लौट आई बीमारी।