उदयपुर. लेकसिटी में पर्यटन विकास के लिए उदयपुर-अहमदाबाद रेल लाइन को ब्रॉडगेज किया जाना बेहद जरूरी है। यह परियोजना रेलवे बोर्ड की प्राथमिकता में शामिल नहीं है, लेकिन गुजरात और राजस्थान सरकार इसमें सहयोग करे तो इसको जल्दी पूरा किया जा सकता है।
आगामी 8 व 9 जनवरी को जयपुर में होने वाली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में इस मामले को उठाकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के ध्यान में लाया जा सकता है। इस रेलवे लाइन के ब्रॉडगेज होने पर केरल, गोवा, चेन्नई व हैदराबाद जैसे प्रमुख राज्य व शहर उदयपुर से सीधे जुड़ जाएंगे।
माल परिवहन बढऩे व खनिज बाहर जाने से मेवाड़ के खनन व्यापार में वृद्धि होगी। वर्ष 2008 में उदयपुर-अहमदाबाद रेल परियोजना को मंजूरी मिली थी। उस समय आमान परिवर्तन की लागत 800 करोड़ आंकी गई थी। रेलवे ने बड़ी रेल लाइन डालने पेटे अब तक कुल 25 करोड़ रुपए आबंटित किए हैं। फंड के अभाव में पिछले रेल बजट में स्वीकृत मावली-बड़ी सादड़ी आमान परिवर्तन का काम भी शुरू नहीं हो पाया है।
प्राथमिकता में क्यों नहीं
यह प्रोजेक्ट एक हजार करोड़ से अधिक होने के कारण अन्य परियोजना रेलवे बोर्ड की प्राथमिकता में है। राजस्थान व गुजरात के सांसदों की ओर से भी इस मामले को उचित तरीके से नहीं उठाया गया है।
क्या हो सकता है
उदयपुर व अहमदबाद के बीच लोगों की आवाजाही बहुत ज्यादा है। राजस्थान सरकार व गुजरात सरकार इसमें आर्थिक मदद करे तो यह परियोजना रेलवे की प्राथमिकता में आ सकती है।
रेल लाइन पर होगा पर्यटन विकास, उदयपुर से जुड़ जाएंगे केरल और गोवा
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