उदयपुर। कोटड़ा डिप्टी, पानरवा थानाधिकारी और हेड कांस्टेबल को शराब की दुकानों के मालिकों को झूठे मामले में फंसाने का डर दिखाकर रिश्वत लेते बीती रात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने गिरफ्तार किया है। इन दुकानदारों से कोटड़ा डिप्टी पहले ही डरा-धमका कर चार लाख 70 हजार रुपए ले चुका था। डिप्टी सहित तीनों पुलिसकर्मी शराब की दुकानों के मालिकों से क्रमंथलीञ्ज बांधना चाहते थे, जिसकी एवज में 80 हजार रुपए की राशि लेते एसीबी की टीम ने इन्हें गिरफ्तार किया है। इनको आज दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया जाएगा। डिप्टी मनीष शर्मा की दो माह पूर्व ही कोटड़ा डिप्टी के पद पर नियुक्ति हुई थी।
क्रमददगारञ्ज ने पुलिस और शराब तस्करों के बीच सांठ-गांठ पर कई समाचार प्रकाशित किए, जिसकी सच्चाई की पुष्टि आज एसीबी की इस कार्रवाई से हो गई है। एसीबी के एएसपी राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि बीती रात कोटड़ा डिप्टी मनीष शर्मा, पानरवा थानाधिकारी धूलसिंह मीणा औ ढईया चौकी प्रभारी प्रभुलाल को 80 हजार की रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया गया है।
यह है मामला
27नवंबर, 2013 को पानरवा थाने में 95/13 फर्जी शराब तस्करी का प्रकरण सुनील पूर्बिया और कृष्णगोपाल पूर्बिया के खिलाफ दर्ज किया गया था। इन दोनों की देसी व अंग्रेजी शराब की दुकानें पारनवा, ढईया और सड़ा गांव में हैं। इस मामले में बचाने की एवज में डिप्टी मनीष शर्मा ने पांच लाख की मांग की। इस पर दोनों ने तीनों दुकानों का दो दिन का कलेक्शन चार लाख ७०
रुपए डिप्टी को सौंप दिए।
डिप्टी, थानाधिकारी
इसके बाद ३० हजार रुपए बकाया थे, जो बाद में देना तय हुए। डिप्टी मनीष शर्मा इन तीनों दुकानों से २५ हजार, पारनवा थानाधिकारी २० हजार और एएसआई पांच हजार रुपए की मंथली चाहते थे। इससे पूर्व थानाधिकारी को पांच हजार और एएसआई को ढाई हजार की मंथली जा रही थी। इससे परेशान होकर सुनील और कृष्ण गोपाल ने एसीबी में शिकायत की, जिसकी पुष्टि के बाद बीती रात कार्रवाई की गई, जिसमें तीनों ही ८० हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार हो गए।