उदयपुर। गुलाबबाग लावारिस हो गया है। दो विभागों की लड़ाई में चौपट हुई यहां की सुरक्षा व्यवस्था के चलते तस्कर बड़े पैमाने पर चंदन के पेड़ चुराकर ले जा रहे हैं। हालांकि यहां से चंदन के पेड़ चोरी होने का सिलसिला काफी लंबे समय से चल रहा है, लेकिन पिछले एक माह में यहां से करीब दस बड़े चंदन के पेड़ चोरी हुए हैं, क्योंकि रात के समय गुलाबबाग की सुरक्षा के लिए एक भी गार्ड तैनात नहीं रहता है।
गुलाबबाग के रखरखाव और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पीडब्ल्यूडी और नगर निगम आपस में लड़ रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि सात साल पहले ही गुलाबबाग नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया गया था। वहीं नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि हस्तांतरण सिर्फ मौखिक हुआ है। कागजों में कहीं हस्तांतरण नहीं हुआ है। बहरहाल इन दोनों विभागों की लड़ाई में चंदन तस्करों की मौज हो गई है। पिछले एक माह में गुलाबबाग की चंदनबाड़ी से दस चंदन के बड़े पेड़ चोरी हो गए हैं। सबसे रौचक बात यह है कि चंदनबाड़ी उद्यान अधीक्षक के आवास के बिलकुल पास में है। उद्यान अधीक्षक ने चोरी हुए चंदन के पेड़ों के संबंध में एक रिपोर्ट बनाकर नगर निगम को सौंपी है, लेकिन उस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है।
रात में सुरक्षा नहीं
गुलाबबाग में दिन के समय दो सुरक्षा गार्ड रहते हैं, लेकिन रात के समय एक भी गार्ड नहीं रहता है। इससे आसपास की बस्तियों के बदमाश भी रात के समय गुलाबबाग में घुस आते हैं और उत्पात मचाते हैं।
:२००७ में ही सरकार के आदेश पर गुलाबबाग को पांच साल के लिए नगर निगम को हस्तांतरित किया था। दो साल पहले फिर से हस्तांतरण अवधि बढ़ा दी थी, जिसमें रख-रखाव और सुरक्षा की जिम्मेदारी नगर निगम की रखी। हां ये सच है कि गुलाबबाग जंगल जैसा हो गया है। रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है और सुरक्षा भी नहीं है।
-गणपत मीणा, गार्डन अधीक्षक, पीडब्ल्यूडी
:हमको गुलाबबाग की पूरी जिम्मेदारी नहीं दी गई। यह हस्तांतरण सिर्फ मौखिक हुआ है। कागजों में कहीं कोई हस्तांतरण हमको नहीं किया गया है। पब्लिक गार्डन है, जिसका रख-रखाव और सुरक्षा होनी चाहिए। हमको गुलाबबाग पूरी तरह से सौंपा जाएगा, तो हम उसकी पूरी सुरक्षा व्यवस्था और रख-रखाव करेंगे।
-रजनी डांगी, महापौर, नगर निगम
गुलाबबाग के चंदन पर तस्करों की काली नजर
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