कलेक्टर ने कहा ” मुह से आवाज़ क्यों नहीं निकल रही है” – सीएम्एचओ का भ्रष्टाचार ?

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corruption_impedes_growth2उदयपुर। जिला कलेक्टर ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को उसकी अकर्मण्यता और लापरवाही के लिए सोमवार को खूब हड़काया। कलेक्टर ने कई मर्तबा सीएमएचओ से सवाल पूछे, लेकिन सीएमएचओ कोई जवाब नहीं दे सका, तो कलेक्टर ने पूछा मुंह से आवाज क्यों नहीं निकल रही है? इसके बाद सीएमएचओ की जिम्मेदारियों की समीक्षा की, तो कलेक्टर ने फिर सीएमएचओ को कहा कि यदि आप योजनाओं की मोनिटरिंग भी ठीक से नहीं कर सकते, तो क्या कर सकते हैं? लेकिन, सीएमएचओ से इसका भी कोई जवाब देते नहीं बना।
कलेक्टर ने सीएमएचओ को लताड़ते हुए एक-एक योजना की बारीकी से समीक्षा की और प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों के काम के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए उन्हें हटाने के निर्देश दिए, वहीं टैंडर द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्रों की तर्ज पर आवंटित अरबन आरसीएच सेंटर्स के प्रति भी असंतोष जाहिर किया तथा मातृ दर्शन व चित्रांश संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट कर सेंटर आवंटन रद्द करने को कहा, जिससे सीएमएचओ कार्यालय में मीटिंग के बाद से ही अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। चर्चा है कि सीएमएचओ ने इन संस्थाओं से भारी चौथ वसूली की है, इसलिए अब यह मामला उसके गले की हड्डी बन गया है। आज मंगलवार को कार्यालय खुलने के साथ ही वहां अफरा-तफरी व सीएमएचओ की कारस्तानियों की चर्चा से माहौल हैरतभरा बना हुआ था। बताया गया है कि पिछली सरकार के चिकित्सा मंत्री की रसोई तक सीएमएचओ की पहुंच थी, जिनकी आड़ में इस अफसर ने खुलकर भ्रष्टाचार किया है।
बड़ी स्थित सीएमएचओ के नए भवन में सोमवार को लगभग पौने चार घण्टे तक चली जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में सभी हतप्रभ थे। हालांकि सीएमएचओ डॉ. आरएन बैरवा अपने कार्यालय में बनाए गए चार लाख से अधिक के आलीशान फर्नीचर सोफासेट, बेड, चेयर्स, टेबल आदि को कल ड्रग वेयर हाऊस में छिपाने में सफल रहा और कलक्टर की आंखों में धूल झोंक कर मीटिंग की समाप्ति के बाद जैसे ही कलक्टर वहां से रवाना हुए, अपराह्न तीन बजे फिर सारा फर्नीचर ऑफिस में शिफ्ट करवा दिया। इससे सभी कर्मचारी भी हतप्रभ थे। कलेक्टर ने जिले में नसबंदी के लक्ष्य पूरे कर जिले को अव्वल बनाने और संस्थागत प्रसव बढ़ाने के भी सख्त निर्देश दिए। चार लाख के फर्नीचर खरीद के मामले में भी कलेक्टर ने जाँच करवाने का खा है ।
वर्जन। …………

चार लाख के फर्नीचर खरीद का मामला मेरी जानकारी में नहीं है । यदि ऐसा हुआ है और कही भ्रष्टाचार है तो इसकी जांच करवाई जायेगी । ……… आशुतोष पढ़नेकार , जिला कलेक्टर

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