उदयपुर। यहां फतहसागर स्थित महाराणा प्रताप स्मारक समिति द्वारा मोती मगरी के ऐतिहासिक प्रागंण में ष्दिवेर विजय अभियानष् की स्मृति में रविवार को राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । समिति सचिव युद्धवीर सिंह शक्तावत ने बताया कि कक्षा 8 तक बच्चों के लिए उद्घोष एवं कविता पाठ विधा, कक्षा 8 से 11 तक प्रताप की रीति एवं नीति की वर्तमान परिपेक्ष्य में उपादेयता विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं शोध संगोष्ठी के अन्तर्गत शोध पत्रों का वाचन किया गया। समारोह में कुल तीन सत्र हुये । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डा. परमेन्द्र दशोरा एवं मुख्य अतिथि प्रो. कल्याण सिंह शेखावत थें। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्मारक समिति, मोती मगरी के अध्यक्ष लक्ष्यराज सिंह मेवाड ने की । स्लोगन एवं कविता विधा में 8 बच्चों ने वादविवाद में 16 बच्चों ने एवं शोधपत्र प्रस्तुति में 5 पत्रों का वाचन हुआ।
मुख्य वक्ता परमेन्द्र दशोरा ने कहा कि वेश्चिक परिदृश्य पर प्रताप की विरासत बहुआयामी हैं संचार क्रान्ति में भी इसकी उपयोगिता है। लक्ष्यराज सिंह मेंवाड ने कहा की प्रताप की विरासत के अन्तर्गत हमें सबसे पहले एक अच्छा इंसान बनना होगा । ये ही प्रताप की विरासत की प्रथम अनिवार्य आवश्यकता हैं ।
कार्यक्रम का संचालन डा. चन्दशेखर शर्मा ने किया और कहा कि प्रताप की भौतिक एवं अभौतिक, मूर्त और अमूर्त दानों ही तरह की विरासत को संभालना आज की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में समिति उपाध्यक्ष एस.एस. राणावत, समिति सदस्य प्रो. के.एस. गुप्ता, इकबाल सागर, प्रो. विजया लक्ष्मी चौहान, प्रो. एच.आर. त्यागी, कोषाध्यक्ष शिव प्रसाद राठौड , विद्वानों में जोधपुर के प्रो. एस.वी. व्यास ने शोध सत्र की अध्यक्षता की । वादविवाद में पूर्वी अग्रवाल -महाराणा मेवाड पब्लिक स्कूल ने प्रथम स्थान, सौम्या कपिल – रोकवुडस स्कूल ने द्वितीय स्थान एवं सौरभ चावला, द स्टडी स्कूल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । कार्यक्रम के सफल होने पर सचिव ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन किया।
मोतीमगरी में महाराणा प्रताप की विरासतश् विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
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