उदयपुर. संभाग के उदयपुर, राजसमंद और प्रतापगढ़ जिलों से विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने वाले 19 उम्मीदवारों के पर्चे बुधवार को प्रस्तावकों के नामों की सही खानापूर्ति न होने तथा शपथ पत्रों की घोषणाओं में त्रुटियां पाए जाने से खारिज कर दिए गए। इनमें से छह उम्मीदवारों द्वारा एक से अधिक भरे गए पर्चे सही निकलने से चुनाव लड़ सकेंगे, जबकि 10 उम्मीदवारों के सिंगल पर्चे रद्द हो जाने से चुनावी जंग से बाहर कर दिए गए।
प्रस्तावकों के गलत साइन व पते से खारिज हुए नामांकन पत्र
समाजवादी पार्टी के उदयपुर ग्रामीण के उम्मीदवार लक्ष्मी लाल गमेती का नामांकन इसलिए खारिज हो गया क्योंकि उन्होंने अपनी पार्टी को राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त पार्टी मानकर सिर्फ एक प्रस्तावक पेश किया था। भारत निर्वाचन आयोग की राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त छह राजनीतिक दलों में समाजवादी पार्टी शामिल नहीं है। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मान्यता प्राप्त पार्टी है। राजस्थान में इस पार्टी को मान्यता नहीं दी गई है। लिहाजा इस पार्टी के नाम से राजस्थान में नामांकन भरने वाले प्रत्याशी को निर्दलीय माना गया है। निर्दलीय प्रत्याशी को अपने दस प्रस्तावक पेश करने जरूरी हैं, लेकिन उन्होंने सिर्फ एक प्रस्तावक पेश किया था।
जावेद के फार्म में अंबालाल के स्थान पर मधु के हस्ताक्षर : उदयपुर शहर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पेश करने वाले जावेद खान के फार्म में प्रस्तावक अंबालाल के नाम के सामने मधु के दस्तखत थे। प्रस्तावक सुश्री मधु ने स्वयं और अंबालाल के नामों के सामने दो हस्ताक्षर किए थे, जबकि अंबा लाल ने कहीं भी दस्तखत नहीं किए। इस त्रुटि के कारण जावेद का पर्चा आरओ मोहम्मद यासीन पठान ने खारिज कर दिया।
मेहमूद के तीन प्रस्तावकों के पते गलत निकले : शहर विधानसभा से निर्दलीय नामांकन भरने वाले मेहमूद शेख के दस प्रस्तावकों में से क्रम संख्या 8 से 10 तक जिनके नाम थे उनके बताए गए पते वाले मतदाता सूची में तीनों नाम नहीं थे। प्रस्तावक यूसुफ, सर्फराज तथा मेहमूद के स्थान पर मतदाता सूची की भाग संख्या पर अन्य मतदाताओं के नाम पाए गए। जिससे मेहमूद शेख का नामांकन पत्र अयोग्य करार दिया गया।