उदयपुर। उदयपुर के सांसद रघुवीर मीणा और उनकी पत्नी सलूंबर विधायक श्रीमती बसंती देवी मीणा ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में समय-समय पर भरे शपथ पत्रों में अलग-अलग क्रपेन कार्डञ्ज नंबर अंकित किए हैं। दस्तावेजों की छानबीन में यह गड़बड़झाला सामने आया है। आयकर विभाग किसी भी व्यक्ति को एक PAN कार्ड आबंटित करता है। यदि PNA कार्ड गुम हो जाए, तो पुलिस थाने में रिपोर्ट करके निर्धारित अवधि के बाद आयकर विभाग के सक्षम अधिकारी के समक्ष डुप्लीकेट पेन कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है। यह कार्ड डुप्लीकेट बनेगा, न कि दूसरा। कार्ड के नंबर वहीं पुराने वाले होंगे। नंबर नहीं बदलेंगे। यदि कोई दूसरा पेन कार्ड बनवा लेता है, तो वह आयकर विभाग से धोखाधड़ी का दोषी है। विभाग इस आर्थिक अपराध में दस हजार रुपए की पैनल्टी लगा सकता है। विभाग चाहे तो उसके खिलाफ धारा 420 में केस दर्ज करवा सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सांसद रघुवीर मीणा ने सात नवंबर 2008 को सलूंबर विधानसभा क्षेत्र से विधायक पद के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के सामने प्रस्तुत नामांकन पत्र में परमानेंट अकाउंट नंबर एजेएलपीएम ४९३० डी बताए, जबकि १२ नवंबर २०१३ को श्री मीणा की पत्नी बसंती देवी मीणा ने सलूंबर क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में विधायक पद के लिए प्रस्तुत किए गए नामांकन पत्र में अपने पति रघुवीर मीणा के पेन कार्ड नंबर एजेएपीएम ५७४२-जे दर्शाए हैं। इस प्रकार सरकारी दस्तावेजों में अंकित जानकारी में आयकर विभाग से छल किया गया यह सामने आया है, जिसके जरिए आय छिपाए जाने का अंदेशा होता है।
दूसरी और यदि किसी त्रुटिवश ऐसा हुआ है, तो नामांकन की तिथि समाप्त होने से यह गलती सुधारने की गुंजाइश भी समाप्त हो गई है। ऐसे में गलत जानकारी की वजह से नामांकन रद्द होने का खतरा भी पैदा हो गया है। इस बारे में सांसद और उनकी पत्नी से काफी कोशिश के बाद भी बात नहीं हो पाई, जिससे उनका पक्ष नहीं जाना जा सका।
सांसद व विधायक पत्नी की जालसाजी उजागर
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