आदर्श आचार संहिता को प्रभावी बनाने के लिए निर्देश जारी

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उदयुपर, भारतीय संविधान की धारा 324 के तहत गठित निर्वाचन आयोग संसद व राज्य विधानसभाओं के स्वतंत्र निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव संचालन के लिए केन्द्र व राज्य में चुनाव ल$डने वाले प्रत्याशियों से अपनी कर्तव्य पालना सुनिश्चित करता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी आशुतोष पेढणेकर ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार यह भी सुनिश्चित करता है कि चुनाव उदेश्यों के लिए सरकारी मशीनरी का कहीं भी दुरूपयोग नहीं हो एवं मतदाताओं को कहीं भी लालच न दिया जाये व धमकी तथा डर के बल पर मतदान प्रक्रिया न करवायी जाये। इसके लिए आदर्श आचार संहिता आगामी राज्य विधानसभा चुनाव के तहत लागू की गयी है। आचार संंहिता यह निर्धारित करती है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी, सत्ताधारी दल, सभा, जुलूस एवं चुनाव प्रचार आदि किस प्रकार करेंगे एवं मतदान के दिन उनकी गतिविधियों व पार्टी के कृत्य किस प्रकार नियंत्रित किये जा सकेंगे। इस सम्बंध में भी विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गये है ।
उन्होंने बताया कि जिले में पेड न्यूज एवं प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया में प्रसारित होने वाले राजनैतिक विज्ञापन प्रमाणित होने के बाद ही प्रकाशित-प्रसारित किये जा सकते है । इसके लिये जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी का गठन किया गया है
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संचालन के लिये आवश्यक निर्देश
आर. पी एक्ट 1951 की धारा 129 (1) के तहत कोई भी अधिकारी/ कार्मिक किसी मंत्री की निजी यात्रा पर निर्वाचन क्षेत्र में उनसे मिलता है तो वह दुराचार का दोषी होगा तथा उस पर दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती है। निर्वाचन संचालन से जु$डे सभी अधिकारियों व कार्मिकों के स्थानान्तरण पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा। घोषणा तिथि से पूर्व स्थानान्तरण होने पर आचार संहिता प्रभावी होने से पूर्व यदि कार्यगृहण नहीं किया गया है तो आयोग की अनुमति के बिना उक्त आदेश प्रभावी नहीं माना जायेगा। जो भी अधिकारी 6 महीने में सेवानिवृत होने वाला हो वह आयोग के निर्देश की परिधि में नहीं आयेगा। जिन अधिकारियों की सेवा अवधि ब$ढायी गयी है वे सभी अधिकारी निर्वाचन संबंधी कार्य नहीं करेंगे।
मंत्रियों व आयोग के सदस्यों के लिए भी चुनाव निर्देश जारी किये जाते है। कोई भी मंत्री (केन्द्रीय या राज्य स्तरीय) किसी निर्वाचन क्षेत्र से राजकीय यात्रा नहीं कर सकते है। किसी भी राजकीय कार्यालय या गेस्ट हाउस में पार्टी संबंधी कार्य के विचार विमर्श करने पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है। चुनाव यात्रा के दौरान कोई भी मंत्री बत्ती सायरन/पायलट कारों का उपयोग नहीं कर सकते है। सभी मंत्री सदभावना समारोह में भाग ले सकते है परन्तु उनका उदेश्य राजनीतिक न होकर सामाजिक सौहार्द से प्रेरित ही होना चाहिए। किसी भी निजी यात्रा में मंत्रियों के राजकीय निजी स्टाफ को साथ रहने की अनुमति नहीं दी जाती हैं।

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