उदयपुर, बोहरा समाज के नव वर्ष हिज़री सन् 1435 का शुभारम्भ सोमवार से हो गया है। 04 नवम्बर को सैयदी खांजीपीर साहब के उर्स पर दाऊदी बोहरा जमात के जायरिनों ने मजार शरीफ पर अंकीदत के फूल चढ़ाये और अमन चैन की दुआएं मांगी। इसके तहत खांजीपीर स्थित दरगाह पर विशेष सजावट की गयी है। 04 नवम्बर से ही कर्बला के शहीदों को याद किये जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस अवसर पर बोहरवाडी और बोहरा समुदाय के विभिन्न मौहल्लों में भी सजावट और सबीले लगाई गयी है मोहर्रम के 10 दिन दाऊदी बोहरा जमात (बोहरा यूथ) की महिलाएं काले लिबास में गम का इजहार करेगी और बुर्जुग महिलाएं रोजा रख रही है।
यह जानकारी देते हुए दाऊदी बोहरा जमात के प्रवक्ता अनिस मियांजी ने बताया कि मोहर्रम का महिना सोमवार से प्रारम्भ होने के साथ ही 10 दिनों के गमजदा लम्हों में पहले दिन प्रत्येक दिन सुबह 10ः30 से 1.30 बजे तक वजीहपुरा मस्ज़िद में कर्बला के शहीदों को याद करते हुए मुल्ला पीर अली ने आमजन को उनकी कुर्बानी जज्बा, हक, इनसानियत व सच्चाई की राह पर चलने का आव्हान किया। शाम को रसूलपुरा मस्ज़िद में समुदाय की महिलाओं की मजलिस हुयी जिसमें मरसिया ख्वानी के अलावा डॉ. जैनब बानो, जीनत खाखडवाला ने कर्बला के शहीदों पर अपनी भावभीनी तकरीर पेश की। शाम को सामूहिक न्याज का आयोजन व रात को वजीहपुरा मस्ज़िद में मजलिस हुयी। जिसमें डॉ. इरफान अलवी, अली असगर खिलौनावाला ने भी अपनी तकरीरों में हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को याद किया। इसके अलावा असगर अली जावरियावाला पार्टी, मोएज जरी पार्टी, मुजाम्मिल पार्टी और दिगर जाकरीन ने इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत में मरसिया पढ़कर व मातम मनाकर गम का इजहार किया। मोहर्रम के अवसर पर बोहरवाड़ी और बोहरा समुदाय के विभिन्न मोहल्लो में भव्य सजावट की गई है और सबीले लगाकर पानी व शर्बत पिलाया जा रहा है।