उदयपुर ,नीमच की एक नाबालिग के साथ उदयपुर में सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को सत्र एवं विशेष न्यायाधीश ने 20-20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। पुलिस के मामले में चालान पेश करने बाद न्यायालय ने महज 11 दिन में सुनवाई पूर्ण कर निर्णय सुनाया।
नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर न्यायालय ने बसेड़ा हाल मुकाम प्रतापपुरा (छोटी सादड़ी) निवासी मन्नालाल पुत्र राधेश्याम मेघवाल व नावनखेड़ी थाना धोलापानी हाल मुकाम प्रतापपुरा (छोटी सादड़ी) निवासी भेरूलाल पुत्र शंकरलाल मेघवाल को 20-20 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
न्यायालय ने आरोपियों के अर्थदंड की राशि में से 30 हजार रूपए अपील अवधि व्यतीत होने के बाद पीडिता को उसके पिता के माध्यम से क्षतिपूर्ति एवं पुनर्वास के लिए भुगतान करने के आदेश दिए। लोक अभियोजक राजेंद्र पाल ने बताया कि पीडित पक्ष को शीघ्र न्याय मिला है। प्रकरण की विशेष बात यह रही कि मात्र 11 कार्यदिवस की सुनवाई में फैसला आया है।
इस फैसले से समाज में अच्छा संदेश जाएगा। 3 सितंबर 2013 से 10 सितंबर 2013 के मध्य 17 गवाह पेश हुए। 20 सितंबर 13 को आरोपियों के बयान दर्ज किए गए। 27 सितंबर 13 को आरोपियों के बचाव में गवाह पेश किए गए। 25 अक्टूबर को बहस हुई और 30 अक्टूबर को फैसला आया।
यह था मामला
जून में पीडिता अपने मामा के घर पर थी। 28 जून 2013 को आरोपी शांतिलाल व मन्नालाल अपने साथी भैरूलाल के साथ उसके घर पहुंचे। उसके पिता की बीमारी का बहाना बनाकर उदयपुर ले गए। वहां 29 जून को प्रतापनगर स्थित एक कमरे में सामूहिक दुष्कर्म किया।
लड़की मामा के घर से पिता के इलाज के लिए जो 20 हजार रूपए लाई थी, वह भी आरोपियों ने छीन लिए। आरोपी 3 जुलाई 2013 को उसे लेकर चिकारड़ा थाने पहंुच गए। यहां मन्नालाल की पत्नी सुमित्रा भी साथ थी। थाने में आरोपियों ने झूठी शिकायत दर्ज कराई। यहां से पीडिता अपनी बुआ के ग्राम पालिया चली गई।