उदयपुर| स्वामी विवेकानन्द की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष में निर्मित कठपुतली नाटिका स्वामी विवेकानन्द की कठपुतलियों ने सभी को कहानियों के माध्यम से उपदेश दिए ।
भारतीय लोक कला मण्डल, रामकृष्ण मिशन- नई दिल्ली, इन्दिरागांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र- नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में निर्मित कठपुतली नाटिका ‘‘स्वामी विवेकानन्द’’ की प्रस्तुति ने सभी को मोहित किया व स्वामीजी के जीवन व उपदेशों को कठपुतली के माध्यम से जाना ।
आरम्भ में संस्था के मानद सचिव रियाज तहसीन ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत् किया । तत्पश्चात् सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सम्भागीय आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल, विशिष्ठ अतिथि प्रमुख स्वामी रामकृष्ण मिशन – नई दिल्ली के शान्तात्मानन्द एवं अध्यक्षता श्रीमती रोली अग्रवाल- आयकर आयुक्त ने की । प्रारम्भ में संस्था के मानद सचिव रियाज तहसीन ने अपने उद्बोधन में बताया कि प्राचीन कठपुतलियों को आज के परिवेश में निर्माण कर उन्हें आधुनिकता से प्रदर्शित की गई है । ये नाटिका सभी वर्ग के लिए हैं, विशेष कर युवाओं को स्वामीजी के उपदेश एवं जीवन शैली से परिचित करना है । जो अपने जीवन में स्वामीजी से प्रभावित हो अपना जीवन आज के गिरते जीवन मूल्यों पुनः उच्च आदर्श स्थापित करें । इस 72 मिनट की नाटिका में 70 से अधिक कठपुतलियों का निर्माण एवं संचालन किया गया। 25 दृश्य परिवर्तन है । 13 पदों का इस्तेमाल किया गया । नाटिका का प्रदर्शन ऐसा लगा रहा था मानो टीवी स्क्रीन पर कोई सिरियल चल रहा हो ।
संभागीय आयुक्त डॉ. सूबोध अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में यह कहा कि स्वामी विवेकानन्द की सन्देश भारतीय लोक कला मण्डल के मध्यम से जन जन तक पहुॅंच रहे है यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है एवं कलोारों को सम्मानित कर आर्शिवचन दिया । व समारोह के विशिष्ठ अतिथि स्वामी शान्तात्मानन्द ने भी स्वामीजी के जीवन व कठपुतली नाटिका पर विस्तृत प्रकाश डाला एवं बताया कि यह नाटिका उच्च श्रेणी की बनी है । इसका अनुवाद अंग्रजी, बांगला, दक्षिण भारतीय भाषा में करवाया जायगा । अभी हिन्दी भाषा में ही सभी जगह प्रदर्शन हो रहे हैं । उन्होंने बताया कि आगामी कुछ ही दिनौं ने इसके प्रदर्शन झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कलकत्ता, बिहार आदि में होने जा रहे है । इसके बाद इसके प्रदर्शन यूरोप, साउथ एशिया व शिकागो में भी प्रस्तावित है ।
संस्था के सहायक निदेशक श्याम माली ने इस नाटिका की परिकल्पना, निर्माण एवं निर्देशन किया है । इसको डॉ. लईक हुसैन द्वारा लिखा गया है । इस नाटिका के प्रदर्शन एवं निर्माण में संस्था के कलाकार तुलसीराम, लोगर कलाकार, भगवती चावड़ा, मोहन पटेल, जगदीश पालीवाल, श्रीमती यशोदा माली, श्रीमती मीता पाहुजा, खुमाण सिंह, दुर्गा शंकर, किशन सिंह, कुकाराम, शंकर माली ने किया । लाईट इफेक्ट कृष्ण कुमार ओझा व इस नाटिका को पूरे भारत में कोर्डिनेट कर रहे है व्यवस्था सचिव गोवर्धन सिंह सामर । इस नाटिका का संगीत व गायन डॉ. प्रेम भण्डारी एवं ब्रह्मचारी स्वामी ईश्वर चैतन्य ने दिया है । ध्वनी संकलन में द परफोरमर्स संस्था के कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । ध्वनी संकलन का कार्य म्यूजिक मेकर्स के स्टुडियों में हुआ है ।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा कलाकारों एवं इस नाटिका में सहयोग प्रदान करने वाले सभी को भी सम्मानित किया गया ।