ओडिशा और आंध्रप्रदेश तट की ओर फैलिन तूफान तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार शाम 4-5 बजे के बीच इसके ओडिशा के गोपालपुर से टकराने की आशंका है। फैलिन गोपालपुर से मात्र 250 किलोमीटर दूर है।
मौसम विभाग के अनुसार तूफानी हवाएं 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की तरफ्तार से तटीय इलाकों में प्रवेश करेंगी। हालांकि मौसम विभाग से इसे “सुपर साईक्लोन” मानने से इंकार किया है।
भुवनेश्वर के मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एस.सी. साहू ने बताया कि तूफान थोड़ा तीव्र हो बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ गया है। यह जगतसिंहपुर जिले में पारादीप के 590 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और गंजम जिले के गोपालपुर में 600 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि 205 से 215 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाले तेज चक्रवाती हवाएं पश्चिमोत्तर में बढ़ेंगी और गोपालपुर (ओडिशा) के करीब कलिंगपटनम और पारादीप के बीच उत्तरी आंध्रप्रदेश और ओडिशा तट को शनिवार शाम तक पार करेंगी।
राज्य सरकार ने बताया कि राज्य के दक्षिणी तटीय जिलों में अधिक नुकसान की आशंका के चलते आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पत्रकारों से कहा, आसन्न चक्रवात को लेकर कई समीक्षाएं की गई हैं। सरकार पूरी तरह से तैयार है।
पुरी के निचले इलाकों में रहने वाले 5,000 परिवारों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। अधिकारियों की शाम तक 30,000 और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना है।
विशेष राहत आयुक्त पी.के. मोहपात्रा ने बताया, हमारी गंजम जिले से करीब 100,000 परिवारों को स्थानांतरित करने की योजना है। वे सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिए जाएंगे।
मौसम विभाग कार्यालय ने कहा कि अगले दो दिनों में राज्य के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। जबकि कुछ इलाकों में मूसलाधार वर्षा होगी।
शुक्रवार को राज्य के तट से दूर के इलाकों में तूफानी हवाओं की गति 45-55 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई। यह दक्षिण ओडिशा के तट से दूरस्थ जिलों में हवाओं की गति को 205-215 किलोमीटर प्रतिघंटा कर देगा।
राज्य सरकार ने चक्रवात के खतरे वाले 14 जिलों के अधिकारियों को स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए सतर्क कर दिया है।
क्या है सुपर स्टोर्म
नई दिल्ली। ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय 23 जिलों पर शक्तिशाली तूफान फैलिन का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि बहुत कम लोगों को पता होगा की ये सुपर स्टोर्म है क्या।
मेघ गर्जन बारिश, कम दबाव का केंद्र और तेज हवाओं के साथ आने वाले से तूफान को ही सुपर स्टोर्म कहते हैं। समुद्र की स्तह से भाप बनकर उठे पानी से अपनी ताकत लेने वाले ऎसे स्टोर्म गर्म पानी के ऊपर बनते हैं।
ये स्टोर्म (तूफान) बादल बनकर बारिश करते हैं जब पानी भाप बनकर आसमान की तरफ ऊपर जाता है।
तूफान से निपटने के लिए सेना तैनात
नई दिल्ली। ओडिशा और आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहे भीषण चक्रवाती तूफान के प्रभावों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को चौकस और तैनात कर दिया गया है। रक्षा प्रवक्ता सितांशु कार ने शुक्रवार को बताया कि रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने तीनों सैन्य बलों को स्थिति से निपटने के लिए पूरी ताकत झोंकने का निर्देश दिया है।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि सेना द्वारा किए जाने वाले राहत कार्यो की कमान संभालने के लिए सेना कमान एवं नियंत्रण अधिकारियों को भुवनेश्वर भेजा गया है। भुवनेश्वर में वे नियंत्रण कक्ष कायम करके राहत अभियान चलाएंगे।
सूत्रों ने कहा कि सेना की इंजीनियर टुकड़ी को बागडोगरा औरमेडिकल टुकडी को गोपालपुर से रवाना किया गया है। सूत्रों के अनुसार सेना की इन्फेंट्री राहत टुकडियों को भी पूरी तरह चौकस कर दिया गया है।
वायु सेना ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दल की टीमों को अपने दोगजराज विमान आईएल 76 विमान से रवाना किया है। 20 विमान और हेलीकॉप्टर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखे हैं।
इसके अलावा नौसेना ने 30 राहत नौकाएं मुस्तैद कर दी हैं। वायु सेना ने दो सी-130 जे, दो एएन 32 विमान और 18 हेलीकॉप्टर इस आपदा से निपटने के लिए तत्पर कर दिए हैं।
मछुआरों को समंदर में जाने से मना किया गया
सूत्रों के मुताबिक तूफान 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तटीय ओडिशा की ओर आगे बढ़ रहा है। तूफान पहुंचने से पहले ही दोनों राज्यों में भारी बारिश हो रही है। तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने के लिए कहा गया है। मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया है कि मछुआरों को अंडमान समंदर और बंगाल की खाड़ी में जाने से मना किया गया है। उत्तर आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के समंदर में गए मछुआरों को तट पर लौटने के लिए कहा गया है।
14 जिलों में सरकारी कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द
ओडिशा की सरकार ने 14 जिलों में सरकारी कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द कर दी है। ओडिशा डिजास्टर रेपिड एक्शन फोर्स को तैनाती के लिए कहा गया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सभी 14 जिलों के कलक्टरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की और उनसे भोजन और दवाईयों का स्टॉक करने को कहा है। ओडिशा की सरकार ने नौ सेना और वायुसेना की मदद मांगी है। केन्द्र से हेलीकॉप्टरों और सुरक्षा बलों को तैयार रखने को कहा है। तूफान गिंजम,पुरी,खुर्दा और जगतसिंहपुर में तबाही मचा सकता है।
यही रफ्तार रही तो मारे जाएंगे हजारों लोग
ओडिशा के अधिकारियों के मुताबिक फैलिन तूफान की रफ्तार 1999 में आए चक्रवाती तूफान से ज्यादा है। 1999 में चक्रवाती तूफान से 15 हजार लोग मारे गए थे। विशेषज्ञों के मुताबिक शनिवार को जब तूफान आंध्र प्रदेश और ओडिशा में दस्तक देगा तब हवा की गति 205 से 215 किलोमीटर प्रतिघंटा रह सकती है। आंध्र का श्रीकाकुलम तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है।
ओडिशा के आपदा प्रबंधन मंत्री सूर्य नारायण पात्रा ने कहा कि हम प्रकृति के खिलाफ लड़ रहे हैं। इस बार हमने अच्छी तैयारियां की है। हमने 1999 से बहुत सीख ली है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। तूफान प्रभावित इलाकों के लिए हमने हेलीकॉप्टर और खाना तैयार रखा है।